मुंबई: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने रविवार को आरोप लगाया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। इससे एक दिन पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई में एक रैली के दौरान सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर राज्य में मुस्लिमों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण लागू करने में “विफल” रहने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा था।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने रविवार को आश्चर्य जताया कि ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर उस वक्त ''चुप'' क्यों रही, जब 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में थी। वर्ष 2014 तक तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार में मंत्री रहे खान ने कहा कि नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों के लिए आरक्षण बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था लेकिन तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इसे लागू नहीं किया था।
खान ने एक बयान में आरोप लगाया, “जब कांग्रेस आरक्षण लागू करने पर फडणवीस सरकार की निष्क्रियता का विरोध कर रही थी, एआईएमआईएम चुप रही। एआईएमआईएम और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायकों ने विधानसभा में उस समय कभी आवाज नहीं उठाई, जब कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण लागू करने की मांग उठायी।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके उलट, एआईएमआईएम विधायकों ने हमेशा फडणवीस सरकार का समर्थन किया। मुंबई के चांदीवली में रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि कांग्रेस और राकांपा ने सत्ता के लिए शिवसेना के साथ हाथ मिलाया और मुस्लिम समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण लागू करने का आश्वासन भूल गए।