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महाराष्ट्र में उद्धव को लगा करारा झटका-शिशिर शिंदे के बाद मनीषा कायंदे ने भी छोड़ा साथ

महाराष्ट्र में उद्वव ठाकरे गुट को करारा झटका लगा है। गुट के दो नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है जिसमें शिवसेना के पूर्व विधायक शिशिर शिन्दे और फिर पार्टी की प्रवक्ता, MLC मनीषा क़ायन्दे ने पार्टी छोड़ दिया है।

big shock to uddhav thackeray- India TV Hindi उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका

महाराष्ट्र: एक ओर जंहा उद्धव बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना का आज राज्यस्तरीय पदाधिकारी शिविर आयोजित किया जारहा है, जिसमें शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं और पार्टी सदस्यों में नई ऊर्जा भरने और पार्टी को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे, वहीं उन्हें उनकी पार्टी के दो नेताओं ने करारा झटका दिया है। पार्टी के नेता और पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने जहां पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है वहीं पार्टी की तेज तर्रार नेता और विधान पार्षद मनीषा कायंदे भी यूबीटी छोड़कर शिंदे गुट ज्वाइन करेंगी।

उद्धव की शिवसेना के दो नेता जाएंगे शिंदे गुट में 

शिवसेना नेता संजय सिरसाट ने कहा कि शिवसेना UBT से MLC मनीषा कायंदे आज शाम शिवसेना के शिंदे गुट को ज्वाइन करेंगी। उन्होंने बताया कि आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थित में उनके सरकारी निवास स्थान वर्षा बंगले पर मनीषा कायंदे शिवसेना की सदस्यता ग्रहण करेंगी। 

बता दें कि इससे एक दिन पहले, शनिवार को शिवसेना उद्धव गुट के एक पूर्व विधायक शिशिर शिन्दे ने उद्धव बालासाहेब ठाकरे शिवसेना को छोड़ने का ऐलान किया। उसके बाद से ही चर्चा थी कि रविवार को एक और नेता और प्रवक्ता पार्टी का साथ छोड़ देंगी। अब पता चला है कि मनीषा कायंदे (महाराष्ट विधान परिषद सदस्य) ने पार्टी छोड़ने और शिंदे गुट ज्वाइन करने का ऐलान किया है। 

उद्धव के सामने है बड़ी चुनौती

मनीषा पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रही थीं। मनीषा पार्टी की प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य है जो राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनल पर हमेशा शिवसेना UBT का पक्ष रखती आयीं थीं। मनीषा तेज तर्रार प्रवक्ता हैं और पेशे से प्रोफेसर रही हैं। मनीषा कायन्दे के एकनाथ  शिंदे के साथ आने से विधानपरिषद में शिंदे गुट की ताकत और बढ़ेगी।

कहा जा रहा है कि एकनाथ शिन्दे की बगावत और उद्धव ठाकरे से मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनने के बाद से पार्टी बचाने और फिर सत्ता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे उद्धव ठाकरे के लिए पार्टी से नेताओं का इस तरह से जाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।