Maharashtra News: शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है और यह एकनाथ शिंदे नीत सरकार के अस्तित्व का नहीं बल्कि लोकतंत्र के अस्तित्व के बारे में हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी के अन्य विधायकों के खिलाफ जारी किए अयोग्य नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल नार्वेकर को उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली रिक्वेस्ट पेटिशन पर कोई फैसला नहीं लेने को कहा
राउत ने कहा कि यह "स्वतंत्र और निष्पक्ष" न्यायतंत्र की भी परीक्षा है। शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्य में अवैध सरकार बनाने की कोशिश की गई और इसके लिए राजभवन और विधानसभा का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने आगे कहा, "हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है।" सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को, उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली रिक्वेस्ट पेटिशन पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लेने का सोमवार को निर्देश दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दी थी दलील
चीफ जस्टिस एन.वी.रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया, जिनमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है। सिब्बल ने आगे कहा, "अदालत ने कहा था कि याचिकाओं को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। मैं आग्रह करता हूं कि मामले पर सुनवाई पूरी होने तक अयोग्यता संबंधी कोई फैसला न किया जाए।" उन्होंने यह भी कहा कि बागी विधायकों को शीर्ष अदालत ने राहत दी थी।
उद्धव ठाकरे गुट ने विधानसभा की हुई कार्यवाही को दी चुनौती
उद्धव ठाकरे गुट ने 3 और 4 जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव किया गया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित किया। सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 27 जून को शिंदे गुट को राहत प्रदान करते हुए 16 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर जवाब देने की अवधि 12 जुलाई तक बढ़ा दी थी। राउत ने ट्वीट किया, "शिवसेना ने महाराष्ट्र के लोगों की ओर से इस अन्याय के खिलाफ अदालत का रुख किया है। हमारा मानना है की फैसला इस पर आएगा कि देश में लोकतंत्र कायम है या नहीं या सरकार संविधान के अनुसार काम करती है या नहीं।" उन्होंने कहा, सवाल शिंदे सरकार के अस्तित्व को लेकर नहीं है।