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Hindi News महाराष्ट्र बदलापुर एनकाउंटर: महायुति में ही क्रेडिट वॉर? सीएम शिंदे और फडणवीस के अलग पोस्टर लगे

बदलापुर एनकाउंटर: महायुति में ही क्रेडिट वॉर? सीएम शिंदे और फडणवीस के अलग पोस्टर लगे

बदलापुर में चार साल की बच्ची से दरिंदगी करने वाले आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर हो गया है। इस मामले में विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है तो वहीं, अब महायुति के बीच भी क्रेडिट वॉर शुरू हो गया है।

बदलापुर एनकाउंटर के...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV बदलापुर एनकाउंटर के बाद शिंदे और फडणवीस के पोस्टर।

महाराष्ट्र के बदलापुर में एनकाउंटर के बाद सियासत गर्म हो गई है। स्कूल में चार साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपी अक्षय शिंदे के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने पर जमकर सियासत हो रही है। अब तो इस एनकाउंटर पर क्रेडिट लेने की होड़ भी शुरू हो गई है। मुंबई के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दोनों को एनकाउंटर का क्रेडिट देते हुए अलग-अलग पोस्टर लगाए गए हैं। 

शिंदे के पोस्टर में फडणवीस नहीं

दूसरी ओर मराठी अखबारों में सीएम एकनाथ शिंदे के पोस्टर छपे हैं जिसमें सीएम को धर्मवीर बताया गया है। इन विज्ञापनों में केवल एकनाथ शिंदे दिख रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस या अजित पवार की तस्वीर इस पर नहीं लगी है। पोस्टर में लिखा गया है कि हमारे बेटियों को न्याय देने वाले ऐसा धर्मवीर चाहिए। अब लग रहा है शिवशाही लौट आया है (शिवाजी महाराज के सामाज्र को शिवशाही कहा जाता था)। इस इश्तिहार में एकनाथ शिंदे की तस्वीर है लेकिन गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर नहीं है। 

Image Source : India Tvएकनाथ शिंदे के लिए पोस्टर।

पोस्टर में बंदूक लिए दिखे फडणवीस

मुंबई में जगह-जगह फडणवीस के पोस्टर लगे हैं जिसमें लिखा है कि बदला पूरा। इन पोस्टरों में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेद्र फडणवीस बंदूक के साथ नजर आ रहे हैं। मुंबई में और भी पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें फडणवीस की तारीफ और MVA पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, किसी भी पोस्टर में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे नजर नहीं आ रहे। 

Image Source : India TVदेवेंद्र फडणवीस के लिए पोस्टर।

हाई कोर्ट में एनकाउंटर पर सुनवाई

बदलापुर एनकाउंटर मामले पर बंबई हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी की मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि आरोपी पर गोली चलाने से बचा जा सकता था और पुलिस ने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की। उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि आरोपी को पहले पैर या हाथ में गोली मारने के बजाय सीधे सिर में ही क्यों गोली मारी गई?

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