Exclusive: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, लॉरेंस बिश्नोई का मकसद जानकर उड़ जाएंगे होश
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। लॉरेंस बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी की हत्या एक ही मकसद से की थी और वो मकसद था, दहशत फैलाना और दाऊद इब्राहिम को संदेश देना। इंडिया टीवी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-
इंडिया टीवी को बाबा सिद्दीकी हत्याकांड से जुड़ी सबसे सटीक और पुख्ता जानकारी मिली है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों और मुम्बई पुलिस की शुरुआती जांच में इस हत्याकांड का बड़ा खुलासा हुआ है। स्पेशल सेल ने मुम्बई पुलिस से इसकी जानकारी साझा की है। बाबा सिद्दीकी की हत्या का एक ही मकसद था और वो था सलमान खान और पूरे मुम्बई और मायानगरी मे दशहत पैदा करना। इसके साथ ही इस हत्याकांड से जुड़े लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मकसद अंडरवर्ल्ड और मुंबई के डॉन दाऊद इब्राहिम तक संदेश पहुंचाना भी था। बता दें कि इस हत्याकांड का दाऊद कनेक्शन भी सामने आया है और उस दाऊद कनेक्शन की जांच जारी है।
जीशान ने की थी पूरी प्लानिंग
जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले शूटर्स 28 दिन में 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर रेकी करने गए थे। बाबा सिद्दिकी के घर और दफ्तर के बाहर आस-पास वे घंटों रुकते थे और उनकी हर मूवमेंट को ट्रैक करते थे। रेकी के बाद दशहरे का दिन हत्याकांड के लिए चुना गया था। हत्याकांड में शामिल आरोपी जीशान अख्तर वारदात के वक्त मुंबई से बाहर था। जीशान मुंबई के बाहर से पूरे ऑपरेशन को कॉर्डिनेट कर रहा था। शूटरों को शुभम का भाई प्रवीण पुणे से मुंबई छोड़ने आया था। शूटरों को पैसे शुभम ने ही दिए थे।
विदेशी हथियार मिले, टेलीग्राम और स्नैपचैट से मिल रहे थे ऑर्डर
बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए हथियार पंजाब से आए थे। बरामद 9MM पिस्टल विदेशी है, इसे लेकर शक है कि पाकिस्तान या नेपाल से यह खेप जीशान तक पहुंची हो। मौके से पकड़े गए 2 शूटरों के पास 3 मोबाइल बरामद हुए हैं, उनमें कई नंबर्स बिना सेव के ही डायल किए गए हैं। इन नबरों की जांच की जा रही है। शिव को लारेंस गैंग से सिग्नल टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिए मिल रहे थे और इन्हीं ऐप्स के जरिए उसके पास आदेश आ रहे थे और शिव वो जानकारियां बाकी शूटरों से साझा कर रहा था।
परत दर परत खुल रहे हत्या के राज
शूटरों को प्लानिंग के वक्त ही बता दिया था कि टारगेट कौन है और उसे क्यों मारना है। शिव को हत्या के बाद उज्जैन के पास ओंकारेश्वर जाना था, जहां उसे लॉरेंस गैंग के किसी गुर्गे से मिलना था। पंजाब की पटियाला जेल में जिशान अख्तर की मुलाकात गुरमेल से हुई थी। जिशान ने ही गुरमेल को लॉरेंस गैंग में शामिल कराया था। पुलिस हैरान है कि हत्या के लिए दशहरे का दिन चुना गया जिस दिन मुंबई के चप्पे चप्पे पर पुलिस बेरिकेट्स के पर मौजूद होती है और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होती है।
जांच के घेर में बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा गार्ड
बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी होते थे। घटना के ठीक पहले ही सुरक्षाकर्मियों की शिफ्ट चेंज हो रही थी। फायरिंग के वक्त एक सुरक्षाकर्मी बाबा सिद्दीकी के साथ मौजूद था पर उसने जवाबी फायरिंग क्यों नहीं की, ये जांच का विषय है। बता दें कि गोल्डी बराड़ पहले ही कह चुका है कि वो मौका मिलते ही दाऊद को मार देंगे।