Aurangabad Renamed to Sambhajinagar: सुप्रीम कोर्ट में इस वक्त महाराष्ट्र के सियासी हलचल पर बड़ी बहस चल रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक की। इस दौरान उन्होंने शहरों का नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। औरंगाबाद का नाम बदलकर अब संभाजीनगर कर दिया गया है। उस्मानाबाद को अब धाराशिव कर दिया है तो नवी मुम्बई एयरपोर्ट का नाम DB पाटिल किया गया है। शहरों का नाम बदलने के पीछे उद्धव ठाकरे का ये कदम हिंदुत्व चेहरे को बचाने के रूप में देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट को लेकर राहत नहीं मिलती है तो उद्धव ठाकरे छवि बचाने के लिए हिंदुत्व के नाम पर इस्तीफा दे सकते हैं।
औरंगाबाद को संभाजी नगर कहकर ही संबोधित करते थे उद्धव
बता दें कि शिवसेना के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा था। औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने की मांग शिवसेना लंबे समय से करती आ रही थी। उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेता औरंगाबाद को संभाजी नगर कहकर ही संबोधित किया करते थे। वहीं, उस्मानाबाद का नाम भी धाराशिव की मांग शिवसेना की थी। हालांकि, कांग्रेस और NCP के साथ गठबंधन में महाविकास आघाड़ी (MVA) सरकार बनाने के बाद शिवसेना की इन दोनों बातों को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल रहा था। कांग्रेस अक्सर औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने पर आपत्ति जताती रहती थी लेकिन अब जब महाराष्ट्र में सियासी संकट चल रहा है और उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व को साइडलाइन करने के आरोप लग रहे हैं, तब सरकार ने इन दोनों जगहों के नाम बदलने को मंजूरी दी है।
कांग्रेस ने भी रखी थी ये मांगें
इसे अलावा कैबिनेट मीटिंग में कांग्रेस ने भी कुछ जगहों और प्रोजेक्ट्स के नाम बदलने की मांग की है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में पुणे का नाम राजमाता जिजाबाई के नाम पर जिजाऊ नगर रखने की मांग की थी। इसके अलावा कांग्रेस ने सेवरी न्हावा देवा ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर बैरिस्टर एआर अंतुले रखने की मांग भी की थी।
उद्धव ने सभी कर्मचारियों का हाथ जोड़कर शुक्रिया अदा किया
वहीं, आज कैबिनेट की मीटिंग में उद्धव ठाकरे भावुक दिखे। मीटिंग के बाद बाहर निकलते हुए उन्होंने सभी कर्मचारियों का हाथ जोड़कर शुक्रिया अदा किया। उद्धव ने लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि मुझसे कोई भूल किसी को दुख पहुंचाया होगा तो माफी चाहता हूं। उद्धव ने कहा, ''अपने ही लोगों ने धोखा दिया इसलिए ये हालात पैदा हुए, इसका दुख रहेगा। जो कानूनी प्रक्रिया है उसका सामना करेंगे।'' कैबिनेट मीटिंग के बाद उद्धव सीधे मातोश्री चले गए।