नई दिल्ली: महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले में दखल नहीं दे सकता। इसके पहले 7 मई को भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाम बदलने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मई में खारिज की थी याचिका
मई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि नाम में क्या रखा है? चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में किसी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।हाईकोर्ट की बेंच ने कहा था कि हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में कुछ भी गैरकानूनी या कानूनी खामी नहीं है।
2022 में बदला गया था नाम
बता दें कि एमवीए सरकार गिरने के बाद 30 जून, 2022 को शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके मंत्रिमंडल ने औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने को मंजूरी दी। 16 जुलाई, 2022 को नाम बदलने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव पारित किया गया और फिर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया गया।