‘कांग्रेस में चुनावी जंग लड़ने की धमक ही नहीं’, BJP ज्वाइन करते ही अशोक चव्हाण का बड़ा बयान
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार अशोक चव्हाण ने कहा कि आज आम जनता यही चाहती है कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चले।
मुंबई: हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इंडिया टीवी को दिए गए Exclusive इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने खुद के बेहतर भविष्य के लिए अपनी पुरानी पार्टी छोड़ी है। चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस में बोलने पर भी सुधार नहीं होता है, और पार्टी में चुनावी जंग लड़ने की धमक ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पार्टी लड़ेगी ही नहीं तो जीतेगी कैसे। महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में शुमार चव्हाण ने यह भी कहा कि आम जनता की आज यही राय है कि देश मोदी जी के नेतृत्व में चले।
‘कांग्रेस की कोई तैयारी नहीं दिख रही’
बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार चव्हाण ने कहा, ‘मैं जिस पार्टी में रहा उसके लिए हमेशा ईमानदारी से काम काम किया। कांग्रेस को मेहनत करके खड़ा करने की कोशिश की लेकिन मौजूदा हालात और चुनौतियों को देखते हुए कांग्रेस की कोई तैयारी नहीं दिख रही। युद्ध करने पर आप जीतेंगे या हारेंगे लेकिन युद्ध ही नहीं करेंगे तो क्या मतलब? कांग्रेस का भविष्य और कांग्रेसी नेताओं का भविष्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, और जब कांग्रेस ही खत्म हो जाएगी तो नेता भी खत्म हो जाएंगे। हमारा राज्य नेतृत्व पार्टी को खड़ा करने में नाकाम रहा है।’
‘कई जिलों में टिकट लेने वाले नहीं बचे’
कांग्रेस के अंदरूनी हालात को बयां करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, ‘महाराष्ट्र के कई जिलों में टिकट के लिए नेता ही नहीं बचे हैं। महाराष्ट्र में भी गुजरात जैसी हालत हो गई है। कांग्रेस की स्थिति के बारे में मैंने आलाकमान को भी बताया, पर बोलने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ, इसलिए बेहतरी के लिए हमने अलग रास्ता चुन लिया। उन्हें आल द बेस्ट। मेरे जैसे कई नेता हैं जिनको अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता सता रही है। मेरी केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है, मेरी उनसे अक्सर मुलाकात होती रहती थी।’
जयराम रमेश पर चव्हाण का पलटवार
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए चव्हाण ने कहा, ‘जयराम रमेश कह रहे हैं कि मुझे योग्यता से ज्यादा कांग्रेस ने दिया, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मेरी योग्यता चुनाव जीतने की थी इसलिए ये मुझे मिला। पहली बार राज्यसभा जा रहा हूं। सिर्फ एक या दो बार चुनाव हारा हूं। योग्यता जनता तय करती है, आप तय नहीं करेंगे। मैं पार्टी बहुत पहले छोड़ सकता था, आदर्श (घोटाला) और जांच एजेंसी का दबाव होता तो 10 साल पहले पार्टी छोड़ देता लेकिन मैंने आकर तक ईमानदारी से पार्टी का काम किया।’