वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का एक फैसला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र शिखर बैंक घोटाला मामले में अतिरिक्त क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने का फैसला किया है। वह अजित पवार से जुड़े मामले में विरोध याचिका दायर करेंगे और शिखर बैंक घोटाला मामले में एक्स्ट्रा क्लॉस्टर रिपोर्ट को चुनौती देंगे। अन्ना हजारे और माणिकराव जाधव के वकीलों ने पुलिस की अतिरिक्त क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई। इसके बाद कोर्ट ने इस आपत्ति को स्वीकार करते हुए हजारे और जाधव के वकीलों को विरोध याचिका दायर करने का समय दे दिया।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद से अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एनडीए गठबंध की हार के लिए भी अजित पवार की पार्टी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वहीं, मंत्री पद को लेकर भी मोदी सरकार ने उन्हें निराश किया। लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की थी।
क्या है शिखर बैंक घोटाला ?
आरोप है कि सहकारी समितियों को दिए गए हजारों करोड़ के लोन में बड़ा घोटाला हुआ था। नाबार्ड की तरफ से 2007 से 2011 के बीच दिए गए लोन की जांच की गई और 2014 में आई रिपोर्ट में कहा गया कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ था। जनवरी 2024 में जांच एजेंसी की तरफ से इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट जारी कर दी गई थी, लेकिन अन्ना हजारे ने क्लीन चिट के खिलाफ याचिका दायर की है। इस मामले में कुल 70 निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन सभी लोगों पर आरोप था कि मिली भगत करके कम दरों पर लोट बांटे गए और संपत्तियां बेंची गईं। इससे नुकसान हुआ। हालांकि, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा।