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Hindi News महाराष्ट्र एंटीलिया केस की जांच NIA को सौंपे जाने पर सियासत तेज, महाराष्ट्र सरकार ने जताया विरोध

एंटीलिया केस की जांच NIA को सौंपे जाने पर सियासत तेज, महाराष्ट्र सरकार ने जताया विरोध

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि केंद्र सरकार ने मामले में जल्दबाजी की है, मुंबई पुलिस जांच करने में सक्षम हैं।

एंटीलिया केस की जांच NIA को सौंपे जाने पर सियासत तेज, महाराष्ट्र सरकार ने जताया विरोध- India TV Hindi Image Source : @MAHADGIPR एंटीलिया केस की जांच NIA को सौंपे जाने पर सियासत तेज, महाराष्ट्र सरकार ने जताया विरोध

मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के बाहर विस्फोटकों से भरी कार मिलने के मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) को सौंप दी गई है। लेकिन, केंद्र सरकार के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार ने विरोध जताया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि केंद्र सरकार ने मामले में जल्दबाजी की है, मुंबई पुलिस जांच करने में सक्षम हैं।

अनिल देशमुख ने कहा, "'एंटीलिया' के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले की जांच NIA ने ले ली है। अब NIA इस मामले की जांच करेगी। मनसुख हिरन हत्या और उसकी कार चोरी के मामले में की जांच महाराष्ट्र ATS ही करेगी। केंद्र सरकार ने NIA को जांच सौंपने में जल्दबाजी की है। इसकी जरूरत नहीं थी।" देशमुख ने सुशांत सिंह राजपूत केस का उदाहरण देकर महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को जांच करने में सक्षम बताया।

उन्होंने कहा, "इसके पहले भी सुशांत सिंह राजपूत केस केंद्रीय एजंसी को दिया गया था, क्या मिला केस की जांच में? महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस जांच करने में सक्षम है।" इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "एंटेलिया मामले में NIA जांच करेगी। ये सब केंद्र सरकार की राजनीति है। केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करना चाहती है। सुशांत केस में भी ऐसे ही राजनीति की थी।"

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "अंबानी परिवार को धमकी, एंटेलिया के बाहर बिस्फोटक और मनसुख हिरन के केस का आपसी संबंध है। मनसुख केस की भी जांच NIA करे, यह हमारी पहले से मांग है।" इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर उठे सवालों पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "सुशांत केस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को दिया गया था, केंद्र सरकार ने नहीं दिया था।"

भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा, "NIA अगर इस मामले में जांच कर रही है तो राज्य सरकार को आपत्ति क्यों है? जरूर राज्य सरकार की भूमिका पर संदेह नजर आता है।" गौरतलब है कि शुरुआत में मामले की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही थी, लेकिन मनसुख हिरेन की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच ATS को सौंप दी थी। अब केंद्र ने इसे NIA को सौंप दी है।

बता दें कि विस्फोटकों के साथ जो गाड़ी मुकेश अंबानी घर के बाहर मिली थी, वह मनसुख हिरेन की ही थी, जो घटना से कुछ दिन पहले चोरी हो गई थी। पुलिस ने बताया था कि हीरेन (46) ठाणे में मुंबई-रेती बंदर रोड पर खाड़ी के किनारे शुक्रवार की सुबह मृत पाए गए थे। अधिकारी ने बताया कि शनिवार को प्राप्त पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हीरेन के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हीरेन के विसरा को संरक्षित रखा गया है और रासायनिक विश्लेषण के लिए मुंबई के कलिना में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है।’’ अधिकारी ने कहा कि डूबने से हीरेन की मौत होने की आशंका है। मनसुख की पत्नी विमला ने शुक्रवार को कहा था कि गुरुवार रात 8 बजे कांदिवली क्राइम ब्रांच से किसी तावड़े नाम के अधिकारी का फोन आया था। इसके बाद मनसुख ने कहा था कि वे जल्द ही उनसे मिलकर लौटेंगे। 

मनसुख की पत्नी ने बताया कि जब उन्होंने रात को 10 बजे पर मनसुख को फोन किया तो उनका फोन बंद आया और जब वह रात 1 बजे तक नहीं लौटे तो परिवार ने पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करवाई।