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Hindi News महाराष्ट्र Anil Deshmukh Bail: अनिल देशमुख की बेल पिटीशन पर स्पेशल कोर्ट आज दे सकता है फैसला

Anil Deshmukh Bail: अनिल देशमुख की बेल पिटीशन पर स्पेशल कोर्ट आज दे सकता है फैसला

Anil Deshmukh Bail: स्पेशल CBI कोर्ट के न्यायाधीश एस एच ग्वालानी ने गुरुवार को जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh(File Photo)- India TV Hindi Image Source : PTI Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh(File Photo)

Highlights

  • अदालत ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था
  • पूर्ववर्ती MVA सरकार में गृह मंत्री थे अनिल देशमुख

Anil Deshmukh Bail: महाराष्ट्र(Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अनिल देशमुख(Anil Deshmukh) की बेल पिटीशन पर मुंबई की एक अदालत आज यानी शुक्रवार को फैसला सुना सकती है। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख कथित करप्शन और अपने ओहदे के दुरुपयोग के मामले में न्यायिक हिरासत(Judicial Custody) में हैं। बता दें  कि इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रहा है। पूर्व गृहमंत्री ने ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग(Money Laundering) के एक मामले में बंबई हाई कोर्ट(Bombay High Court) से चार अक्टूबर को जमानत मिलने के बाद इस मामले में भी जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। 

100 करोड़ प्रति माह की वसूली का लगाया था आरोप 

स्पेशल CBI कोर्ट के न्यायाधीश एस एच ग्वालानी ने गुरुवार को जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता को दो नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। देशुमुख इस समय न्यायिक हिरासत(Judicial Custody) में हैं। गौरतलब है कि मार्च 2021 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने मुंबई के रेस्तरां और ‘बार’ से 100 करोड़ रुपये प्रति माह वसूली करने का निर्देश दिया था।

आर्थर रोड जेल में बंद हैं देशमुख

अनिल देशमुख महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (MVA) सरकार में राज्य गृह मंत्री थे। इस सरकार में शिवसेना, राकांपा(NCP) और कांग्रेस साझेदार थे। देशमुख इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। पूर्व गृह मंत्री ने आरोपों का खंडन किया है, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई(CBI) को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश देने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।