महाराष्ट्र की शिंदे फडणवीस सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर सुलह नहीं हो पाई है। यही वजह है कि अजीत पवार और प्रफ्फुल पटेल आज शाम साढ़े 5 बजे दिल्ली रवाना होंगे, जहां वो बीजेपी हाईकमान के साथ चर्चा करेंगे।
आखिर अजित पवार को महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली तक क्यों जाना पड़ा रहा है। वो कौनसे विवादित मुद्दे हैं जिनपर शिंदे और फडणवीस के साथ सहमति नहीं बन पा रही है-
- सूत्रों ने बताया कि शिवसेना चाहती है कि पहले कैबिनेट विस्तार हो फिर पोर्टफोलियो बंटे।
- मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि विस्तार किये बिना पोर्टफोलियो का बटवारा न हो।
- बीजेपी और एनसीपी चाहते हैं कि सत्र के बाद कैबिनेट का विस्तार हो, तब तक एनसीपी के कोटे के मंत्रीपद उन्हें आवंटित किए जाएं।
- बीजेपी चाहती है कि दोनों बीजेपी-शिवसेना से कुछ मौजूदा मंत्री हटाये जाएं लेकिन शिवसेना इसका विरोध कर रही है।
बीजेपी के पास अभी कौनसे विभाग
बीजेपी के पास अभी वित्त, गृह, राजस्व, सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, महिला और बाल विकास, पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। इनमें से एनसीपी वित्त, ऊर्जा, महिला और बालविकास, ग्रामीण विकास, पर्यटन, सामाजिक न्याय में से कुछ विभाग चाहती है। एनसीपी को वित्त विभाग देने पर शिवसेना का और बिजेपी का विरोध कर रही है।
शिंदे गुट के पास कौनसे विभाग
वहीं शिवसेना के पास फिलहाल एक्ससाइज, शिक्षा, शहरी विकास, उद्योग, खाद्य आपूर्ति, परिवहन जैसे विभाग हैं। लिहाजा शिवसेना ये विभाग छोड़ने को तैयार नहीं है। एनसीपी शिवसेना से एक्ससाइज, शिक्षा, जैसे विभाग मांग रही है जो शिवसेना देने को तैयार नहीं है।
एनसीपी को विभाग देने पर विरोध
रायगढ़ जिले में एनसीपी सुनील तटकरे की बेटी मंत्री अदिति तटकरे के लिए गार्जियन मंत्रिपद चाहती है। जिसपर रायगढ़ से विधायक भारत गोगावाले और अन्य विधायक इसका विरोध रप हैं। इन्ही मुद्दों पर बात नहीं बन रही। इसलिए अब सुलह और विचार विमर्श के लिए आज शाम सभी बड़े नेता दिल्ली जा सकते हैं।
ये भी पढ़ें-
खतरनाक अपराधियों को रोडवेज बस से ले जा रही थी पुलिस, बदमाशों ने बरसाईं अंधाधुंध गोलियां
डांसर बनाने के बहाने नाबालिग साली को नेपाल बेचने जा रहा था जीजा, सेना ने बॉर्डर से दबोचा