मुंबई: एनसीपी में फूट पड़ने के बाद अब पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह पर अजित पवार का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो उन दिनों का है जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उस समय और खुद मुख्यमंत्री बने थे। उस समय एमवीए सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे अजित पवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी थी। एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से 6 अक्टूबर को चुनाव आयोग के पास अजित पवार का यह पुराना वीडियो पेश किया जा सकता है।
अजित पवार ने पक्षपात होने की जताई थी आशंका
उस वक्त अजित पवार ने एकनाथ शिंदे को चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम चुनाव आयोग द्वारा दिए जाने को लेकर टिपण्णी की थी। अजित पवार ने कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह दिए जाने का आयोग का निर्णय पक्षपाती होने की जनभावना है। अजित पवार ने राज ठाकरे की पार्टी मनसे का उदाहरण देते हुए आगे यह भी कहा था कि मनसे का एक ही विधायक है अगर कल वो अलग होकर कहता है कि पार्टी का नाम और चिन्ह भी मेरा है तो क्या चुनाव आयोग उसका यह दावा स्वीकार करेगा।
शरद पवार गुट EC के सामने इस वीडियो को रख सकता है
अब अजित पवार के इस वक्तव्य को शरद पवार गुट चुनाव आयोग के सामने रखने वाला है। आयोग के सामने यह दलील पेश की जाएगी कि विधायक दल अगर मूल पार्टी को छोड़कर सरकार में शामिल होने जैसा या अलग दल बना लेता है तो इसका मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी उस विधायक दल की या फिर चिन्ह उस दल को कैसे मिल सकता है। शरद पवार गुट के महारष्ट्र अध्यक्ष जयन्त पाटिल ने अजित पवार के इस वक्तव्य के बारे में तंज करते हुए कहा कि अजित पवार हमेशा ही सच बोलते हैं। अब हमारी यह मांग है कि अजित पवार की इस भूमिका को चुनाव आयोग देर से ही सही पर स्वीकार करे।