एनसीपी मार्गदर्शन शिविर में मंच से अजित पवार का नाम और कुर्सी गायब, जानिए क्या बोले 'छोटे पवार'
मंच पर एनसीपी के सभी बड़े नेताओं के नाम की कुर्सियां लगी थीं लेकिन अजित पवार का नाम और उनकी कुर्सी गायब थी।
मुंबई: एनसीपी में 'छोटे पवार' के नाम से मशहूर अजित पवार के दिन कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं। पार्टी के अंदर बगावत के आरोपों से घिरे पवार आज मुंबई में एनसीपी के मार्गदर्शन शिविर से गायब रहे। यहां मंच पर एनसीपी के सभी बड़े नेताओं के नाम की कुर्सियां लगी थीं लेकिन अजित पवार का नाम और उनकी कुर्सी गायब थी। यह बैठक इसलिए अहम थी क्योंकि अगले चुनाव और पार्टी का एजेंडा मजबूत करने को लेकर यह बैठक बुलाई गई थी।
शरद पवार की अगुवाई में आयोजन
मुंबई एनसीपी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को कार्यकर्ता मार्गदर्शन शिविर नाम दिया गया लेकिन इसमें अजित पवार के नाम का कोई जिक्र नहीं था। शरद पवार की अगुवाई में इसका आयोजन चल रहा है। इसमें एनसीपी के तमाम बड़े नेता शामिल हैं। पार्टी की अहम बैठक से पार्टी के एक सीनियर नेता का गायब रहना कई सवाल खड़े कर रहा है। वहीं आयोजक एनसीपी की नेता राखी जाधव ने कहा की, अजीत पवार का पुणे में पहले से तय कार्यक्रम था इसलिए उनका नाम और उनके नाम की कुर्सी नहीं है ।
पहले से तय था पुणे का कार्यक्रम
वहीं पुणे में अजित पवार से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एक न्यूज पेपर का कार्यक्रम पहले से ही तय होने के वजह से आज मुंबई के कार्यक्रम में मैं उपस्थित नही रहा। मीडिया मेरे बारे में गलत खबरें दिखाना बंद करे।
बिना जांच इस्तीफा मांगना ठीक नहीं
वहीं खारघर की घटना पर उन्होंने कहा कि मौत के आंकड़े पर अभी सस्पेंस है। हमने ज्यूडिशियल इन्क्वॉयरी की मांग की है। बिना जांच के किसी का भी इस्तीफा मांगना ठीक नहीं है। अगर जांच में दोष सामने आता है तो फिर हम इस्तीफे की मांग करेंगे। वहीं इस संबंध में जब संजय राउत के बयान का जिक्र किया गया तो अजित पवार ने कहा कि कौन संजय राउत ? मैंने किसी का नाम नहीं लिया है। मैंने अपने पार्टी की और अपनी बात कही है ।
अडानी पर कोई दोष साबित नहीं हुआ
वहीं शरद पवार और गौतम अडानी की मुलाकत से जुड़े सवाल पर अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने अडानी से मुलाकात नहीं की बल्कि अडानी ने शरद पवार से मुलाकात की है। अडानी पर जांच चल रही है कोई दोष साबित नहीं हुआ है । एक नामचीन व्यक्ति की दूसरे नामचीन व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। वहीं मराठा आरक्षण को लेकर अजित पवार ने कहा कि सरकार को वरिष्ठ वकीलों, विशेषज्ञों, मराठा संगठनों और विपक्षी पार्टी के लोगों से मुलाकात कर, उनको भरोसे में लेते हुए आरक्षण का रास्ता निकालना चाहिए।