मुंबई। एक फ्लैट की छत पर विकसित किये गये विमान ने परीक्षण उड़ान का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसका डिजाइन और इसे विकसित करने वाले ने यह दावा किया है। इस विमान को अब अगले चरण में दो हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ने की परीक्षा से गुजरना होगा। कैप्टन अमोल यादव ने यह जानकारी दी है। कैप्टन अमोल यादव पिछले दो दशक से पूरी तरह से 'भारत में निर्मित' विमान पर काम कर रहे हैं। यादव ने इस विमान को महाराष्ट्र के पश्चिमी उपनगरीय इलाके कांदिवली में अपने घर की छत पर खुद डिजाइन किया और विकसित किया है।
उन्होंने कहा, 'मैंने एक तकनीशियन के साथ विमान की पहली परीक्षण उड़ान की है और इस दौरान विमान की उड़ान संतुलित रही है। यह काफी अच्छी रही है।' यादव ने कहा कि इस उड़ान में यह देखा गया है कि जमीन से ऊपर उठने के बाद विमान की उड़ान संतुलित रहती है अथवा नहीं यह देखा गया। विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने इस विमान की पहले चरण की उड़ान के लिये पिछले साल अंत में अनुमति दे दी थी। यादव ने कहा कि इस परीक्षण उड़ान के लिये बीमा की जरूरत थी जो कि काफी बड़ी रकम थी। मैंने अपने परिवार के सदस्यों की मदद से इसे हासिल किया। 'मैंने वह सब कुछ किया जो कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को इस परीक्षण उड़ान से पहले चाहिये था।'
उन्होंने कहा कि परीक्षण उड़ान के दौरान विमान 15 से 20 सैकिंड हवा में रहा और उसके बाद सुरक्षित जमीन पर उतर गया। यादव ने कहा कि अगले चरण की उड़ान में जोखिम है। 'यदि हम आगे बढ़ते हैं तो हमें कम से कम एक से डेढ़ करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इसलिये हमें धन जुटाना होगा।' जेट एयरवेज के पूर्व पायलट यादव को इस विमान को बनाने में करीब छह साल लग गया।