Air Quality: दिल्ली को पीछे छोड़ गैस चैंबर बना मुंबई, दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
मुंबई में अब लोग प्रदूषण और उनसे होने वाली बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। शहर के लोग तेजी से बीमार भी हो रहे हैं।
देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई बीते करीब 2 हफ्तों से गैस चैम्बर बन गई है। आलम यह है कि बीते कुछ दिनों से शहर की हवा (AQI) लगातार बेहद खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है। इतना ही नहीं, एक विदेश एजेंसी swiss air research के मुताबिक मुंबई अब दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बन गया है। समंदर के किनारे बसा इस खूबसूरत शहर की हवा अब लोगों का दम घोंट रही है। मुंबई में अब लोग प्रदूषण और उनसे होने वाली बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। शहर के लोग तेजी से बीमार भी हो रहे हैं।
दिल्ली से भी खराब हालत में मुंबई
मुंबई शहर अब दिल्ली की ही तरह "गैस और धूल का चैम्बर" बन गया है। प्रदूषित हवा के मामले में तो मुंबई ने दिल्ली को कई कदम पीछे छोड़ दिया है। बीते 2 हफ्ते से शहर की हवा (AQI) बेहद खराब (250--350) की श्रेणी में बना हुआ है। लंबे समय से इस प्रदूषित हवा के चलते अब मुंबई में लोगों को सांस से जुड़ी बीमारियों, जुखाम, गले मे कफ, खांसी जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही हैं और लोगों को बीमार कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषित हवा से मृत्यु का कोई सीधा डाटा BMC के पास नहीं है लेकिन 2017-2021 तक सांस से जुड़ी बीमारी से 13,444 लोगों की मौत हुई है। इन मौतों की वजहों में प्रदूषण और उससे बीमारी भी शामिल है। यही वजह है की अब शहर के बड़े-बड़े डॉक्टर लोगों को बढ़ते प्रदूषण और आने वाले होली के त्योहार में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
हवा का स्तर खराब होने के बाद सांस के मरिजों की संख्या बढ़ी
बॉम्बे हॉस्पिटल के बड़े physician और कोविड टास्क फोर्स के मेंबर डॉ गौतम भंसाली ने बताया कि हवा में प्रदूषण बढ़ने की वजह से हाल के दिनों में हमारे पास अस्थमा, ब्रॉकिटिस और दूसरी सांस की बीमारी के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। डॉ भंसाली का कहना है कि शहर में मौसम के बदलाव, बढ़ती गर्मी और उससे उपर शहर में लगातार हो रहे काम और उससे उड़ने वाली धूल-धुएं से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। आंखों में जलन की शिकायत भी मरीज बता रहे हैं।
डॉक्टर ने होली को लेकर मरीजों को रंगों और पानी से दूर रहने की सलाह दी
इसे लेकर डॉ भंसाली ने लोगों को सलाह दी की घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें। जिन्हें सांस की बीमारी है वो ज्यादा भीड़ वाली जगहों से दूर रहें और ठंडे पानी-जूस ना पियें। इतना ही नही डॉ भंसाली ने होली के त्योहार में सांस की बीमारी वाले मरीजों से रंगों और पानी से दूर रहने की सलाह दी है। डॉ गौतम भंसाली का कहना था कि प्रदूषण-बदलता मौसम कई बार सांस की बीमारी वाले मरीजों की मौत का भी कारण बन जाता है।
जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कौन?
इधर, अब मुंबई में बढ़े हुए प्रदूषण के मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर शिंदे सरकार पर हमला बोला। आदित्य ने राज्य सरकार में पर्यावरण मंत्री नहीं होने को लेकर सीएम शिंदे को असंवेदनशील करार दिया। आदित्य ठाकरे के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए मुंबई के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा आगे आयें और सारा ठीकरा पहले की सरकारों पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि शहर में प्रदूषण बढ़ने के लिए पहली की सरकारें जिम्मेदार है। पहले के पर्यावरण मंत्रालय ने कैसे काम किया यह सभी ने देखा है। हालांकि मंत्री लोढ़ा ने कहा कि शिंदे सरकार मुंबई में प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठा रही है।
टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी हवा का स्तर सबसे खराब
इन सबके बीच मुंबई की जहरीली हवा अब कैमरे में भी कैद होने लगी है। स्मॉग और धुंध की चादर दोपहर और शाम के समय भी साफ हवा में दिखाई दे रही है। मुंबई की सबसे पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट कोलाबा, मरीन ड्राइव पर भी AQI 211 था जो खराब श्रेणी में आता है। वहीं आज पूरी मुम्बई का AQI 269 जो बेहद खराब की श्रेणी में दिखाई दिया। इस जगह घूमने या काम के लिए आनेवाले लोगों में हवा में प्रदूषण से परेशानी साफ दिखाई दी। कुछ ने अपनी तकलीफ भी इंडिया टीवी को बताई।