महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था और इसे लेकर वे जिद पर अड़े थे लेकिन उनके इस फैसले पर अड़े रहने की खबरों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की है और उन्हें अपने पद पर बने रहने का आदेश दिया और सरकार में काम जारी रखने को कहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस, शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा हैं।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा ने राज्य की 48 में से 41 सीटें जीती थीं, लेकिन नया गठबंधन - जिसे महाराष्ट्र में महायुति कहा जाता है - इस बार केवल 17 सीटें हासिल करने में कामयाब रहा।
महा विकास अघाड़ी की महाराष्ट्र में शानदार जीत
कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) से बनी महा विकास अघाड़ी ने इस लोकसभा चुनाव में 30 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है। जिसके बाद फडणवीस ने वोटों की गिनती के एक दिन बाद बुधवार को अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी और तब से कई भाजपा नेताओं ने उनसे बात की है।
अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को दिया ये आदेश
शुक्रवार को एनडीए की बैठक के बाद, भाजपा नेता ने राज्य में गठबंधन के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए साथी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की। सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे का विषय भी सामने आया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने गृहमंत्री शाह से उनके आवास पर मुलाकात की, जहां गृह मंत्री ने उनसे महाराष्ट्र सरकार के लिए काम करना जारी रखने और राज्य में भाजपा को पुनर्जीवित करने के लिए एक योजना तैयार करने के लिए कहा। बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर के आसपास होने की संभावना है।
अमित शाह ने फडणवीस से कहा, "यदि आप इस्तीफा देते हैं, तो इससे भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ेगा। इसलिए अभी इस्तीफा न दें।" अमित शाह ने उनसे यह भी कहा कि वे रविवार शाम छह बजे नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद इस्तीफे पर विस्तार से चर्चा करेंगे।