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Hindi News महाराष्ट्र CM शिंदे और मंत्रियों के विदेश दौरे पर आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल, बोले- दबाव के चलते किया रद्द, फिजूल खर्ची थी

CM शिंदे और मंत्रियों के विदेश दौरे पर आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल, बोले- दबाव के चलते किया रद्द, फिजूल खर्ची थी

आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत मंत्रियों के विदेश दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अवैध मुख्यमंत्री लंदन जाने वाले थे। मैंने जैसे सवाल खड़ा किया, तो सीएम ने अपना दौरा रद्द कर दिया।

आदित्य ठाकरे- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO आदित्य ठाकरे

शिवसेना उद्धव गुट से विधायक और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शनिवार को मातोश्री पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उद्योग मंत्री उदय सामंत और महाराष्ट्र असेंबली स्पीकर राहुल नार्वेकर के तीन विदेश दौरे पर सवाल खड़े किए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विदेश दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि अवैध मुख्यमंत्री लंदन जाने वाले थे। मैंने जैसे सवाल खड़ा किया, तो सीएम ने अपना दौरा रद्द कर दिया। उनके जाने का कोई एजेंडा नहीं था, इसलिए रद्द किया। उनका विदेश दौरा जनता के पैसों का नुकसान करना था।

स्पीकर घाना देश जाने वाले थे

विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के अफ्रीकी देश घाना के दौरे पर सवाल उठाते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, "स्पीकर राहुल नार्वेकर घाना देश जाने वाले थे। वो भी कॉमनवेल्थ असेंबली स्पीकर के दौरे में शामिल होने जा रहे थे। अध्यक्ष नार्वेकर घाना में लोकतंत्र पर अपने विचार देने जा रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, जो जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने दिया उसका स्पीकर निर्वहण नहीं कर रहे और अब पता चला कि जब हमने इसका विरोध किया तो दौर रद्द हुआ।"

उद्योग मंत्री के दौरे पर क्या बोले?

आदित्य ठाकरे ने कहा कि ऐसा यह दो दौरा है जो सिर्फ घूमने जाने के लिए था, जो अब रद्द हो गया है। इससे जनता का पैसा बचा। इसे हमारा डर कहिए या मीडिया का दबाव कि उन्होंने दौरा रद्द कर दिया। वहीं, उन्होंने उद्योग मंत्री उदय सामंत के विदेश दौरे को टाइम पास बताया। उन्होंने कहा कि Davos और munich में जनवरी में दौरा होता है, तो लेकिन अक्टूबर में उद्योग मंत्री क्या करने जा रहे हैं। यह छुट्टी मनाने के लिए जनता का पैसा खर्च करना गलत है। उन्होंने कहा कि साल 2014 में डॉलर को एक रुपये के बराबर लाने का दावा किया गया था, लेकिन आज क्या हालात हैं। मेरा साफ कहना है कि छुट्टी पर मंत्री जाए, लेकिन छुट्टियां मनाने के लिए नहीं। निजी पैसों से छुट्टी मनाए, लेकिन जनता के पैसों से नहीं।