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Hindi News महाराष्ट्र 'महाराष्ट्र में 4-5 महीनों में बढ़ गए 46 लाख वोट, चुनाव आयोग ने EVM से हटाया जरूरी डेटा,' जानिए किसने लगाया ये गंभीर आरोप?

'महाराष्ट्र में 4-5 महीनों में बढ़ गए 46 लाख वोट, चुनाव आयोग ने EVM से हटाया जरूरी डेटा,' जानिए किसने लगाया ये गंभीर आरोप?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन की करारी हार हुई है। इस बड़ी हार के बाद से महाराष्ट्र के विपक्षी पार्टी के नेता चुनाव आयोग से ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।

ईवीएम मशीन दिखाता कर्मचारी- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO ईवीएम मशीन दिखाता कर्मचारी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए काफी दिन हो गए हैं। महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को सीएम पद की शपथ भी होने वाली है। विपक्ष के लोग अभी महाराष्ट्र के आए चुनावी नतीजों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। शरद पवार गुट के एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से महत्वपूर्ण डेटा हटाने का भी आरोप लगाया है। 

फिर से की जाए वोटों की गिनती- आव्हाड 

शरद पवार के एनसीपी गुट के नेता ने ECI द्वारा चुनाव डेटा को संभालने पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद 4-5 महीनों के भीतर महाराष्ट्र में अचानक 46 लाख वोट सामने आए। शनिवार को आव्हाड ने कहा, 'हम चाहते थे कि टेबल पर रख कर मशीनों की फिर से गिनती की जाए। साथ ही पूरे डेटा का भी आंकलन किया जाए।' इसके साथ ही जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद महाराष्ट्र में वोट बढ़ गए। महाराष्ट्र में 4-5 महीने में 46 लाख वोट बढ़े हैं। 

Image Source : FILE PHOTO उद्धव गुट की एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड

शरद पवार ने भी EVM पर जताई चिंता

वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के जरिए हुई वोटिंग और काउंटिंग पर चिंता जताई है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। पवार ने कहा, 'कुछ लोगों ने दोबारा काउंटिंग की मांग की है। हम देखेंगे कि क्या होता है लेकिन मुझे इस प्रक्रिया से बहुत उम्मीद नहीं है।'

EVM को लेकर लोगों में निराशा

इसके साथ ही शरद पवार ने कहा, 'ऐसा पहली बार हुआ है, देश में हुए चुनावों ने लोगों को बहुत बेचैन कर दिया है, लोगों में निराशा है। हर दिन सुबह 11 बजे विपक्ष के नेता संसद में सवाल उठाते हैं। वे अपनी बात रखते हैं लेकिन संसद में उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं। इसका मतलब है कि संसदीय लोकतंत्र का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह ठीक नहीं है और इसके लिए हमें लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा।'

EVM को लेकर राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करेगा विपक्ष

बता दें कि विपक्षी दल और नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस ने ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने की कसम खाई है।