मुंबई: शहर में मंगलवार को 'दही हांडी' उत्सव के दौरान बहुमंजिला मानव पिरामिड बनाने के दौरान गिरकर कम से कम 41 गोविंदा घायल हो चुके हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इन सभी लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि इन घायल गोविंदाओं को इलाज के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा संचालित और शहर के कई अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मटके को फोड़ने के लिए बनाया जाता है मानव पिरामिड
बता दें कि दही हांडी को जन्माष्टमी पर मनाया जाता है, जो कि भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। इस प्रतियोगिता को मनाने वालों में काफी उत्साह देखा जाता है। यह त्योहार ना सिर्फ मुंबई में बल्कि देश भर में पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसके लिए गोविंदा या दही हांडी प्रतिभागी बीच हवा में लटकाए गए दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ने के लिए बहु-स्तरीय मानव पिरामिड बनाते हैं।
अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती
नगर निकाय अधिकारी ने बताया कि दोपहर तीन बजे तक शहर के कुछ हिस्सों में मानव पिरामिड बनाने का प्रयास करते समय 41 गोविंदाओं को चोटें आईं। इन घायल गोविंदाओं में से आठ को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और 26 का ओपीडी में इलाज किया जा रहा है, जबकि सात अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने कहा कि भर्ती किए गए आठ गोविंदा में से तीन राजावाड़ी अस्पताल में थे, जबकि एक-एक केईएम अस्पताल, सेंट जॉर्ज अस्पताल, एमटी अस्पताल और कुर्ला भाभा अस्पताल में थे।
महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ दिया संदेश
कई प्रमुख गोविंदा समूहों ने शहर के कई स्थानों पर 9 स्तरीय मानव पिरामिड बनाने की कोशिश की। इसके अलावा महाराष्ट्र और अन्य जगहों पर यौन उत्पीड़न के मामलों के मद्देनजर कई गोविंदा समूहों ने मुंबई, ठाणे और अन्य स्थानों पर दही हांडी तोड़ते हुए बैनर और पोस्टर के माध्यम से सामाजिक संदेश भी प्रदर्शित किया। कई महिला गोविंदा समूह भी मानव पिरामिड बनाकर दही हांडी तोड़ने की कोशिश करते नजर आए। (इनपुट- एजेंसी)
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