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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र में जीका वायरस के 3 नए मरीज, अब तक 12 मामले आए सामने, जानें क्यों खतरनाक है यह संक्रमण

महाराष्ट्र में जीका वायरस के 3 नए मरीज, अब तक 12 मामले आए सामने, जानें क्यों खतरनाक है यह संक्रमण

जीका वायरस जानलेवा नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के अंदर पल रहे शिशु का सिर बेहद छोटा कर देता है। इससे बच्चे को जन्म के बाद कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

Zika Virus- India TV Hindi Image Source : PTI जीका वायरस की जांच कराती महिला

महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के तीन नए मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य में इस वायरस संक्रमण के 12 मामले सामने आ चुके हैं। पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्वास्थ्य अधिकारी कल्पना बलवंत ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद अन्य राज्यों को भी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह सभी राज्यों को परामर्श जारी कर स्थिति की निरंतर निगरानी बनाये रखने का निर्देश दिया था। 

राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच कराये जाने पर ध्यान दें तथा संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी परामर्श के अलावा, मंत्रालय ने स्वास्थ्य संस्थानों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया, जो परिसरों के एडीज मच्छरों के संक्रमण से मुक्त रखने की निगरानी और कार्रवाई करेंगे। 

क्यों खतरनाक है जीका वायरस

जीका वायरस संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है। हालांकि, जीका संक्रमण से मौत नहीं होती है, लेकिन इसमें संक्रमित गर्भवती महिला के शिशु में ‘माइक्रोसेफेली’ की समस्या हो सकती है, जिसमें उसके सिर का आकार अपेक्षाकृत बहुत छोटा हो जाता है। परामर्श में कहा गया है कि चूंकि जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में ‘माइक्रोसेफेली’ और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को इसकी करीबी निगरानी करने के लिए कहें। 

पुणे में सबसे ज्यादा मामले

राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका जांच करें और संक्रमण की पुष्टि होने पर महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करते हुए केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करें। इस साल दो जुलाई तक पुणे में जीका के छह और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला सामने आए थे। अब पुणे में ही इस संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए हैं।