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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र: ठाणे के अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत पर हंगामा, सीएम ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र: ठाणे के अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत पर हंगामा, सीएम ने दिए जांच के आदेश

ठाणे के कलवा में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्प्ताल में बीते 24 घंटे में 18 मरीजों ने दम तोड़ दिया है। परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। सीएम शिंदे ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

18 Dead at thane hospital in 24 hours- India TV Hindi Image Source : ANI ठाणे के अस्पताल में मरीजों की मौत से बवाल।

महाराष्ट्र के ठाणे महानगर पालिका के अंतर्गत चलने वाले कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में हंगामा मच गया। यहां बीते 24 घण्टे में 18 मरीजों की मौत हो गई है। 2 दिन पहले भी अस्पताल में 5 मरीजों की मौत हुई थी। उस रात भी मरीजों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। हालांकि, शनिवार रात 8:30 बजे से सुबह 8:30 बजे तक 18 मरीजों की मौत ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

विधायक जितेंद्र आह्वाड भड़के
लोगो की नाराजगी देखते हुए स्थानीय विधायक व नेता जितेंद्र आह्वाड भी अस्पताल पहुंचे और मरीजों की मौत का जिम्मेदार अस्पताल को बताया। आह्वाड के मुताबिक, मरीजों को न तो गंभीर बीमारी थी न ही कोई सीरियस दिक्कतें। ऐसे में एक रात में इतनी मौते होना प्रशासनिक लापरवाही है। उन्होंने कहा कि अस्प्ताल में दवा से लेकर स्टाफ तक और मेडिकल इक्विपमेंट से लेकर हर चीज कि कमी है। आह्वाड के मुताबिक, अस्पताल इन कमियों को मानने के बजाय उसे छुपाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने अस्पताल के डीन को सस्पेंड करने की मांग की है।

सीएम ने दिए जांच के आदेश
आह्वाड के हंगामे के बाद ठाणे शहर के महानगर पालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर भी मौके पर पहुचे और काफी देर तक मेडिकल टीम के साथ बैठक की। कमिश्नर ने बताया कि सीएम ने मामले में किसी भी तरह की लापरवाही की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी और जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।

अलग-अलग दावा
मरीजों की मौत के मामले में कमिश्नर का दावा है कि उन्हें गंभीर बीमारी थी। उन्होंने कहा कि ये बेसिक क्लीनिकल रिपोर्ट है, डिटेल्ड पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, मृत मरीजों के परिजन अस्पताल पर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरिता नाम कि महिला जो 42 साल की थी उसकी एडमिशन के महज 4 दिन बाद मौत हो गयी। जबकि उसे सिर्फ उल्टी और जुलाब हुआ था।

मंत्री दीपक केसरकर ने दी सफाई
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने भी अस्पताल में मरीजों की मौत पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के ICU की क्षमता को बढ़ाया गया था। जब क्षमता बढ़ती है तो जो मरीज जिंदगी के आखिरी क्षणों में होते हैं वो भी अस्पताल में एडमिट होते हैं। लास्ट स्टेज में मरीजों को बचाना डॉक्टरों के लिए भी मुश्किल होता है। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और बताया कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर मामले में कोई भी लापरवाही मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। 

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