नागपुर में 1200 लोगों को किया गया क्वॉरन्टीन, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की जानकारी छुपाई
प्रशासन का कहना है कि जानकारी छुपाने वाले लोग भी संक्रमण फैलाने का एक बड़ा जरिया बन सकते हैं।
नागपुर। देश में कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट बने महाराष्ट्र में संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है, इसके पीछे लोगों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना हरकत को कुछ हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है। नागपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। नागपुर प्रशासन ने सोमवार देर रात 1200 लोगों को क्वॉरन्टीन किया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस क्षेत्र के लोग एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे और इसकी जानकारी यहां के लोगों ने छुपाई।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित मरीज की मौत के बाद बड़ी संख्या में पॉजिटिव मामले इसी क्षेत्र में पाए गए हैं। मृत व्यक्ति के संपर्क में 200 से अधिक लोग आए थे, लेकिन यह जानकारी प्रशासन से छुपाई गई। जब इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर जांच की गई तो 80 लोगों में जानलेवा संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह एक गंभीर मामला है।
नागपुर के सतरंजीपुरा का यह इलाका हॉटस्पॉट अंकित किया गया है ,नागपुर में सबसे ज्यादा मरीज इसी इलाके के हैं ,नागपुर में अब तक 129 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं ,जिनमें से 31 स्वास्थ्य लाभ लेकर घर जा चुके हैं, एवं एक की मृत्यु हुई है, प्रशासन का मानना है की अधिकांश लोग, मृत्यु हुए व्यक्ति के संपर्क में थे ,लेकिन वह जानकारी छुपा रहे हैं ,इसलिए इसकी चेन तोड़ने के लिए प्रशासन ने उस क्षेत्र के सभी लोगों को क्वारंटाइन करने का निर्णय लिया है। प्रशासन का कहना है कि जानकारी छुपाने वाले लोग भी संक्रमण फैलाने का एक बड़ा जरिया बन सकते हैं। इसलिए प्रशासन ने संबंधित परिसर के निवासियों को क्वॉरन्टीन करने का फैसला किया है।
कोविड-19 मरीज के कारण जेजे अस्पताल ने डायलिसिस विभाग को बंद किया
मुंबई में सरकारी जेजे अस्पताल ने कोरोना वायरस से एक मरीज के संक्रमित पाए जाने के बाद अपने डायलिसिस विभाग में कामकाज को स्थगित कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के 25 कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर पृथक-वास में भेजा गया है। अधिकारी ने कहा कि जेजे अस्पताल में कामकाज फिर से शुरू करने में अभी कुछ दिन लगेंगे। केवल एक व्यक्ति को आपातकालीन मामलों को देखने के लिए नियुक्त किया गया है।