भोपाल: मध्य प्रदेश में आज सड़कों पर पुलिसकर्मी पैदल गश्त पर निकले। एक साथ बड़ी संख्या में पुलिस को पैदल गश्त करते देख लोगों की उत्सुकता बढ़ गई और जैसा कि अक्सर होता है लोग एक-दूसरे से पूछने लगे-कुछ हुआ क्या ? दरअसल, राज्य में नागरिकों में सामान्य सुरक्षा की भावना बनाए रखने और पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के बाद पूरे प्रदेश में एक साथ पैदल गश्त की।
कानून-व्यवस्था का लिया जायजा
शनिवार को डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के साथ पूरे प्रदेश में एक साथ 20,000 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और कर्मचारी सड़कों पर निकले और कानून व्यवस्था का जायजा लिया भोपाल में डीजीपी ने अधिकारियों के साथ ढाई घंटे में करीब 10 किलोमीटर पैदल गति और नागरिकों से बातचीत भी की।
पीएम मदी ने पैदल गश्त को बताया था प्रभावी
दरअसल, जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैदल गश्त की प्रभावशीलता पर जोर दिया था। नई दिल्ली में हुए पुलिस महानिदेशक महानिरीक्षकों के 97 अखिल भारतीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही पैदल गश्त का भी उल्लेख किया था और निर्देश दिए थे कि पारंपरिक पुलिस प्रणाली जैसे पैदल गश्त को और मजबूत किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए कहा था और कहा था कि पुलिस को जनता से सीधा संवाद करना चाहिए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस वालों को अधिक संवेदनशील बनाने और उन्हें उभरती टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करने का सुझाव भी दिया था।
Image Source : इंडिया टीवीआम लोगों से बातचीत करता पुलिस दस्ता
सीएम शिवराज ने भी समीक्षा बैठक में दिए थे निर्देश
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जाए। जन सामान्य में सुरक्षा की भावना बनाए रखने तथा पुलिस की सड़कों पर विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए पैदल गश्त करने पर जोर दिया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है। यहां शांति और कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले तत्वों पर पुलिस शक्ति करेगी भगवती शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा था कि हमारी पुलिस अपराधियों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर और नागरिकों के लिए फूल की तरह कोमल है।