भोपाल। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मध्यप्रदेश के लगभग आधे हिस्से में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में अब तक औसत से तीन फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। IMD के मुताबिक, 1 अगस्त तक देश के पूर्वी, पश्चिमी और मध्य भागों में तेज बारिश होने की संभावना है।
इन जिलों में होगी भारी से बहुत भारी वर्षा
आईएमडी भोपाल के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जीडी मिश्रा ने बताया कि ऑरेंज अलर्ट शनिवार सुबह तक प्रभावी है। प्रदेश में रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, मुरैना और भिंड सहित 24 जिलों में अलग अलग स्थानों पर गरज और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अलर्ट में अन्य जिले कटनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, नीमच और मंदसौर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में 64.5 मिमी से 204.4 मिमी तक बारिश होने का अनुमान है।
प्रदेश के कुल 52 जिलों में से केवल 10 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर और चंबल सहित दस संभागों की अधिकतर स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एक जून से 30 जुलाई की सुबह तक मध्यप्रदेश में सामान्य से तीन प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल 52 जिलों में से केवल दस जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इनमें पश्चिम मध्यप्रदेश के इंदौर, धार, और बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले शामिल हैं।
'जून के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में मानसून की गतिविधि रुक गई थी'
मिश्रा ने कहा कि 11 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश हुई थी क्योंकि जून के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में मानसून की गतिविधि रुक गई थी। मानसून अपने सामान्य आगमन समय से सात दिन पहले 10 जून को मध्यप्रदेश में दाखिल हुआ था तथा 20 जून तक प्रदेश में औसत से 94 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी लेकिन बाद में मानसून कमजोर हो गया और उस दौरान मौसम गर्मी और उमस भरा हो गया था।