सागर जिले के शाहपुर में मकान की दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई। आधा दर्जन बच्चे घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए सागर जिला चिकित्सालय में कराया गया भर्ती। शाजापुर में हरदौल मंदिर में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा था। इसी दौरान मंदिर परिसर के पास बने मकान की दीवार अचानक गिर गई। इसी दीवार के नीचे कई बच्चे दब गए। इनमें से नौ की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं और उनका इलाज कराया जा रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले और घायल हुए बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच है। सीएम मोहन यादव ने मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
जिस मकान की दीवार गिरने से हादसा हुआ है। वह 50 साल पुराना है। दीवार में बाहर की तरफ प्लास्टर भी नहीं था। ऐसे में बारिश का पानी दीवार को लगातार कमजोर करता रहा और यह हादसा हुआ है। हादसे के बाद बुलडोजर से मलबा हटाया गया और बची हुई दीवार को भी गिरा दिया गया ताकि आगे कोई हादसा न हो। सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि दीवार गिरने से मलबे में दबकर 9 बच्चों की मौत हो गई। कुछ बच्चे घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घटनास्थल से सारा मलबा हटा दिया गया है।
क्या है पार्थिव शिवलिंग ?
धर्मशास्त्र के अनुसार स्वर्ग में भगवा शिव के सिर, धरती पर शिवलिंग और पाताल में पैरों की पूजा होती है। पार्थिव शिवलिंग पूजा मनचाहे सुख देती है। संतान प्राप्ति के लिए उपाय सोमवार, चतुर्दशी, महाशिवरात्रि, सावन माह या कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर प्रारंभ किया जाता है। संतान की कामना रखने वाले पति-पत्नी सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर गंगा की मिट्टी या गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग का निर्माण करते हैं। इसमें गंध, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा चढ़ाकर पूजा की जाती है। पार्थिव लिंग के अभिषेक का पवित्र जल दोनों पति-पत्नी प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं और भगवान शिव से संतान के लिए प्रार्थना करते हैं। मान्ता है कि 21 दिन तक ऐसा करने से पुत्रादि की कामना जल्द पूरी हो जाती है।
(सागर से टेकराम की रिपोर्ट)