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Hindi News मध्य-प्रदेश बीजामंडल मंदिर-मस्जिद विवाद के बाद हटाए गए विदिशा कलेक्टर, बीजेपी नेता ने कसा तंज

बीजामंडल मंदिर-मस्जिद विवाद के बाद हटाए गए विदिशा कलेक्टर, बीजेपी नेता ने कसा तंज

भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा नाम सोशल मीडिया में कलेक्टर की तबादले पर कसा तंज कहा "उम्मीद करता हूं विदिशा के कलेक्टर साहब को अब किसी मंदिर में मस्जिद नजर नहीं आएगी।"

Vidisha Collector transfer- India TV Hindi Image Source : INDIA TV/PTI विदिशा कलेक्टर का तबादला

बीजामंडल मंदिर मस्जिद विवाद के बाद विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का तबादला कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय ने शनिवार को 47 IAS और IPS का ट्रांसफर किया है। इसमें विदिशा कलेक्टर भी शामिल हैं। देर रात सीएम मोहन यादव सरकार ने विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य को विदिशा से हटाकर मंत्रालय भेज दिया है। 

कलेक्टर ने ASI के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए बीजा मंडल को मस्जिद बताया था। कलेक्टर के पत्र के बाद से ही हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी थी। नौ अगस्त को नाग पंचमी के दिन वीजा मंडल के बाहर भारी प्रदर्शन भी किया था।

भाजपा नेता ने कसा तंज

भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा नाम सोशल मीडिया में कलेक्टर की तबादले पर कसा तंज कहा "उम्मीद करता हूं विदिशा के कलेक्टर साहब को अब किसी मंदिर में मस्जिद नजर नहीं आएगी।" इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान 9 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि 60 सालों में यह पहला मौका है जब किसी कलेक्टर ने मनमानी ढंग से है लेटर जारी किया है।

 नागपंचमी में हिंदुओं को नहीं मिली थी पूजा की अनुमति

विदिशा जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अधिसूचना का हवाला देते हुए शुक्रवार को नागपंचमी के मौके पर हिन्दुओं के पूजा करने के लिए 11वीं सदी के बीजामंडल को खोलने से इनकार कर दिया था। हिंदुओं के एक समूह ने जिलाधिकारी बुद्धेश कुमार वैद्य को शहर के बीचों-बीच स्थित इस स्थल को नागपंचमी पर खोलने के लिए ज्ञापन सौंपा था। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। जिलाधिकारी ने उनकी याचिका एएसआई को भेज दी, जिसने 1951 की गजट अधिसूचना का दो अगस्त को हवाला देते हुए कहा कि बीजामंडल मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद है। वैद्य ने बताया था कि एएसआई इस ढांचे का संरक्षक है, इसलिए उन्होंने मामले पर निर्णय लेने के लिए ज्ञापन उसे भेजा था। ज्ञापन सौंपने वाले हिंदू समूह के नेता शुभम वर्मा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा था "हम पिछले 30 साल से नागपंचमी पर वहां (ढांचे के बाहर) पूजा करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि यह मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है।’’ वर्मा ने जिलाधिकारी के पत्र और एएसआई की गजट अधिसूचना को दिखाते हुए कहा कि एएसआई द्वारा इसे मस्जिद बताए जाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। 

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