भोपाल: मध्य प्रदेश में उचित वेतन की मांग को लेकर राजधानी पहुंची आशा कार्यकर्ता शहर के भीतर ही प्रवेश नहीं कर पाई, क्योंकि पुलिस उन्हें अपने कब्जे में लेकर शहर से बाहर चली गई। इस घटनाक्रम का कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है। आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर दीपावली के दिन चार नवंबर को भोपाल में प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन करने बुधवार-गुरुवार की देर रात को भोपाल पहुंची, मगर स्टेशन से बाहर अपने प्रदर्शन स्थल तक नहीं जा सकी, क्योंकि पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। इस मामले में पुलिस का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने केा तैयार नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, दीपावली के इस पावन पर्व पर उनकी जायज मांगें मानने के बजाय आशा कार्यकर्ता बहनों को इस तरह दमनपूर्वक गिरफ्तार किया जाना तानाशाही भरा कदम है। सरकार तत्काल इन बहनों को रिहा करे व उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्ण निर्णय ले। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा इन्हें दमनपूर्वक गिऱफ्तार कर अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया है।
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने एक सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा, "मामा जी ये बहनें दीपावली पर अपना हक मांगने आई हैं। आशा कार्यकर्ता ही आपकी योजनाओं को घर-घर पहुंचाती हैं। आप तो दिवाली में व्यस्त हैं, लेकिन इनका क्या कसूर जो इन्हें अपनी रात और दिन दिवाली के एन मौके पर काली करना पड़ रहा है।"
सैयद जाफर ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, उसमें एक कार्यकर्ता अपने साथियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर वाहन में अज्ञात स्थान पर ले जाने का आरोप लगा रही हैं।