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Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश में हाथियों के लिए जहर बन गया ये पौधा, एक-एक करके मारे गए थे 10 हाथी

मध्य प्रदेश में हाथियों के लिए जहर बन गया ये पौधा, एक-एक करके मारे गए थे 10 हाथी

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप मच गया था लेकिन विसरा रिपोर्ट आने के बाद मामला पूरी तरह साफ लगने लगा है।

Kodo, Kodo Elephants, Kodo Elephants BTR- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL BTR में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप मच गया था।

भोपाल: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ अभयारण्य में पिछले कुछ दिनों में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप मच गया था। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में अहम जानकारी देते हुए बताया कि जिन 10 हाथियों की हाल में मौत हो गई थी, उनके विसरा में ‘न्यूरोटॉक्सिन साइक्लोपियाजोनिक एसिड’ पाया गया। उन्होंने कहा कि हालांकि यह हाथियों को ‘जहर’ देने का मामला नहीं है बल्कि एक पौधे की वजह से ऐसा हुआ है। बता दें कि हाथियों के मरने का यह सिलसिला 29 अक्टूबर को शुरू हुआ था जब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व यानी कि BTR में एक साथ 4 हाथी मृत पाए गए थे।

‘कोदो का पौधा हाथियों के लिए बन गया था जहर’

सरकार द्वारा गठित इन्वेस्टिगेशन टीम का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि हाथियों के विसरा रिपोर्ट से ये बात पता चली है कि कोदो के पौधों का बड़ी मात्रा में सेवन करने से हाथियों के शरीर में जहर फैला। उमरिया जिले के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में 29 अक्टूबर को 4 हाथी मृत पाए गए थे और बाद में मौतों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी। इतनी बड़ी संख्या में हाथियों के मृत पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया था और तरह-तरह के कयास लगने लगे थे। कृष्णमूर्ति ने बताया कि हाथियों की विसरा रिपोर्ट मंगलवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) बरेली से प्राप्त हुई।

‘विसरा रिपोर्ट में कीटनाशकों का अंश नहीं मिला’

कृष्णमूर्ति ने बताया कि विसरा रिपोर्ट में नाइट्रेट-नाइट्राइट, भारी धातुओं के साथ-साथ ऑर्गेनोफॉस्फेट, ऑर्गनोक्लोरीन, पाइरेथ्रोइड और कार्बामेट ग्रुप के कीटनाशकों का कोई अंश नहीं मिला। कृष्णमूर्ति ने कहा कि हाथियों में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड पाया गया, हालांकि जहर के वास्तविक स्तर का पता लगाया जा रहा है। बता दें कि हाथियों की मौत की खबर सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भविष्य में हाथियों की मौत और इंसानों पर हमलों को रोकने के उद्देश्य से रविवार को इस संबंध में वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद से एक दीर्घकालिक योजना बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। (भाषा)