मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल में 6 महीने का विस्तार किया गया है। इस 6 महीने की वृद्धि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बहुत राहत दी है। क्योंकि अगले साल राज्य में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और शिवराज सिंह की पूरी कोशिश है कि चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाए। इस लिहाज से यह सेवा विस्तार उन्हें राहत दे रहा है।
कई दिनों से चल रहा था कयासों का दौर
राज्य में मुख्य सचिव को लेकर बीते एक महीने से ज्यादा वक्त से कयासबाजी का दौर जारी था, क्योंकि बैंस आज 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे। अब उन्हें छह माह की सेवावृद्धि मिली है और वे 31 मई 2023 तक मुख्य सचिव की जिम्मेदारी का निर्वाहन करेंगे। राज्य में मुख्य सचिव के दावेदारों में दिल्ली में तैनात अनुराग जैन और राज्य में तैनात मोहम्मद सुलेमान के नामों की खूब चर्चा रही। वही वरिष्ठता के आधार पर वर्ष 1987 बैच के संजय कुमार सिंह और अजय तिर्की के अलावा 1988 बैच के संजय बंदोपाध्याय की भी चर्चा रही इस सूची में शैलेंद्र सिंह, वीरा राणा, अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान, आशीष उपाध्याय, राजीव रंजन, विनोद कुमार, जे एन कंसोटिया, राजेश राजौरा और एस एन मिश्रा के नाम सामने आते रहे।
जानिए क्या हैं इसके सियासी मायने
मुख्य सचिव की नियुक्ति को इसलिए भी अहम माना जा रहा था क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव है। इसके साथ ही इस नियुक्ति को सियासी तौर पर भी अहम माना जा रहा था। इसकी वजह थी कि अगर मुख्यमंत्री की नापसंद का मुख्य सचिव बनता तो यह माना जाता कि केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री के बीच तालमेल बेहतर नहीं है और आने वाले दिन कठिन हो सकते हैं। हलांकि अब अब तस्वीर साफ हो गई है और मुख्यमंत्री की पसंद के व्यक्ति को सेवावृद्धि देकर केंद्र ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगला चुनाव मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
माना जा रहा है कि सियासी तौर पर मुख्य सचिव बैंस को छह माह की सेवावृद्धि मिलने से मुख्यमंत्री को भी राहत जैसी है, क्योंकि अब वह समय है जब सरकार को बेहतर नतीजे देना होंगे। बैंस केा सेवावृद्धि छह माह की मिली है और वे मई तक इस पद पर रहेंगे। इन छह माह में सरकार जमीन पर अपनी उन योजनाओं को उतारने की कोशिश करेगी जो चुनाव में परई को फायदा पहुंचा सकें।