इंदौर: कहा जाता है कि आदमी की पहचान उसके ओहदे से नहीं बल्कि उसके व्यक्तित्व से होती है, और यह बात इंदौर के एक सफाईकर्मी ने एक बार फिर साबित की है। आज के जमाने में जबकि बड़े-बड़े अफसरों, नेताओं और व्यापारियों के यहां से गलत ढंग से बेइमानी और चोरी कर कमाए पैसे बरामद होने की खबरें आती रहती हैं, इस सफाईकर्मी ने मिसाल पेश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर के एक सफाईकर्मी ने लाखों रुपये के गहनों से भरा पर्स जीआरपी को सौंपा था, और अब उसे स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया है।
पर्स में थे 3.25 लाख रुपये के जेवरात
इंदौर में एक रेल यात्री से चुराए गए 3.25 लाख रुपये के जेवरात से भरे पर्स को GRP को सौंपने वाले सफाई कर्मी को उसकी ईमानदारी के लिए स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया। जीआरपी की एक अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जयपुर एक्सप्रेस में सफर कर रहे महाराष्ट्र के एक रेल यात्री की सीट से उसका पर्स हाल ही में अज्ञात बदमाश ने चुरा लिया था जिसमें 3.25 लाख रुपये के सोने के जेवरात और अन्य सामान थे।
‘पर्स ट्रेन में ही छोड़कर फरार हो गया चोर’
जीआरपी की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने आगे कहा कि पुलिस की अचानक तलाशी से घबराकर चोर इस पर्स को ट्रेन में ही छोड़कर फरार हो गया था। उन्होंने बताया, ‘इंदौर में ट्रेन की सफाई के दौरान 31 साल के रेलवे कर्मी सूरज इवने की नजर गहनों से भरे इस पर्स पर पड़ी और उन्होंने इसे जीआरपी को सही-सलामत सौंप दिया।’ उन्होंने बताया कि जीआरपी ने ईमानदारी के लिए इवने का सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया और उसे 1,000 रुपये के नकद पुरस्कार से भी नवाजा।
ऐसी मिसाल आज के जमाने में मिलना मुश्किल
गुप्ता ने बताया कि वह पश्चिम रेलवे को पत्र लिखकर अनुरोध कर रही है कि ईमानदारी की नजीर पेश करने वाले सफाई कर्मी को रेलवे द्वारा भी उचित पुरस्कार दिया जाए। सफाईकर्मी की इस ईमानदारी की हर तरफ तारीफ हो रही है। आज के जमाने में वैसे भी ईमानदारी की ऐसी मिसाल मुश्किल से ही देखने को मिलती है।