मध्य प्रदेश में संक्रमण दर घटी है परंतु अभी ढिलाई नहीं, रहेगी पूरी कड़ाई: CM शिवराज
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर घटी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो अब 11.8 प्रतिशत हो गई है।
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर घटी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो अब 11.8 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर भी 14.8 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारीकी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा ली जाने वाली 10वीं की बोर्ड परीक्षा की इस साल (वर्ष 2021) नहीं होगी तथा 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं व स्थिति सामान्य होने पर 12वीं की परीक्षा आयोजित कराने की सूचना 20 दिन पहले दी जाएगी। चौहान ने यह बात प्रदेश की जनता को शुक्रवार रात को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 8087 नए प्रकरण आए हैं, परंतु अभी बिल्कुल भी ढिलाई नहीं करनी है, पूरी कड़ाई के साथ कोरोना के विरूद्ध जंग लड़नी है। आप सभी के सहयोग से हम मध्य प्रदेश को शीघ्र ही कोरोना मुक्त करेंगे।’’ चौहान ने कहा कि कोरोना का अगर पहले पता चल जाए तो सभी स्वस्थ हो जाते हैं। इसलिए सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि किसी भी बीमारी को छुपाईये मत, बताईये। हम आपका तुरंत नि:शुल्क इलाज कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी लंबे समय तक चल सकती है, ऐसे में हर व्यक्ति को कोरोना के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। अपनी जीवनशैली बदलनी होगी। आगे भी मास्क लगाना, एक-दूसरे से दूरी रखना, भीड़ भरे आयोजन न करना आदि सावधानियां बरतनी होंगी। साथ ही योग, प्राणायाम, संतुलित आहार-विहार अपनाने होंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना बीमारी में अपने मां-बाप गवां दिए हैं, वे अनाथ नहीं होंगे। उनकी देख रेख मध्यप्रदेश सरकार करेगी। जब तक वे सक्षम नहीं हो जाते, उन्हें 5,000 रूपये मासिक पेंशन दी जाएगी। उनकी नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें नि:शुल्क राशन भी दिया जाएगा। चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति, रेमडेसिविर आदि दवाओं की उपलब्धता, नए ऑक्सीजन संयंत्र, कोविड केयर सेंटर्स, वेंटिलेटर आदि के माध्यम से निरंतर मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जनता को अपनी कोरोना प्रबंधन रणनीति बताते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना को समाप्त करने के लिए पांच सूत्रों आईडेंटिफाई (पहचान करना), आइसोलेट (अलग करना), टेस्ट(जांच करना), ट्रीट (इलाज)तथा वेक्सीनेट (टीकाकरण) अपनाना है।
चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के माध्यम से संक्रमण की कड़ी तोड़ने का कार्य किया जा रहा है तथा ‘किल कोरोना’ अभियान के माध्यम से मरीजों की पहचान कर उनकी जांच कर उनका इलाज किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर वालों तथा 45 वर्ष से ऊपर वालों का टीकाकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गरीब के लिए पांच माह के नि:शुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। संकट प्रबंधन समूह यह सुनिश्चित कर लें कि उन्हें यह राशन मिल जाए। चौहान ने कहा कि मनरेगा, तेंदूपत्ता तुड़ाई तथा उपार्जन कार्य बिना भीड़ के पूरी सावधानी बरतते हुए किया जाए। जिन गांवों में कोरोना के पांच या अधिक मरीज हैं वहां मनरेगा कार्य बंद कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों तथा दवाओं आदि की कालाबाजारी करने वाले 80 से ज्यादा व्यक्तियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भिजवाया गया है। इसके साथ ही मरीज से कोविड इलाज के लिए अधिक शुल्क लेने वाले अस्पतालों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए, उनसे लाखों रूपये जनता को वापस कराए गए हैं। चौहान ने कहा कि प्रदेश में आगामी एक माह में 2400 स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की जाएगी। जिनमें 800 डॉक्टर, 800 नर्स तथा 800 टेक्नीशियन होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए 5000 ऑक्सीजन बिस्तर, 1,000 आईसीयू बिस्तर तथा 500 बिस्तर बच्चों के लिए बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में 100 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, डिजिटल मीडिया से जुड़े सभी पत्रकारगण, फोटोग्राफर्स, वीडियोग्राफर्स का कोरोना का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा।
चौहान ने कहा कि सरकार शहरी एवं ग्रामीण रेहड़ी वालों को एक-एक हजार रूपये दे रही है। किसानों के फसल ऋण की अदायगी की तिथि को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण निरंतर कम हो रहा है तथा कई जिलों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से भी नीचे आ गई है, फिर भी अभी कोरोना कर्फ्यू में ढिलाई नहीं दी जाएगी। हमें संक्रमण की कड़ी को पूरी तरह तोड़ना है। न्यूनतम संक्रमण वाले जिलों में संकट प्रबंधन ग्रुप आने वाले समय में कर्फ्यू खोलने के लिए फार्मूला बना लें।