भोपाल. देश में कोरोना की दूसरी लहर ने प्रचंड रूप ले लिया है। मध्य प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। ऐसे हालातों में कोई जांच केंद्र कोरोना सहित विभिन्न टेस्टों की ज्यादा राशि मरीजों से न वसूले इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकतम दरें तय कर दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना के RTPCR टेस्ट के लिए 700 रुपये, रेपिड एन्टीजन टेस्ट के लिए 300 रुपये, सी.टी. स्कैन के लिए 3 हजार रुपये, ए.बी.जी. टेस्ट के लिए 600 रुपये, डी- डाईमर टेस्ट के लिए 500 रुपये, प्रो कैल्सीटोनिन टेस्ट के लिए 1 हजार रुपये, सी.आर.पी. टेस्ट के लिए 200 रुपये, सीरम फैरिटिन टेस्ट के लिए 180 रुपये और आई.एल. - 6 टेस्ट के लिए 1 हजार रुपये की अधिक्तम राशि तय कर दी है। यदि घर से सेंपल लेना हो तो उसके लिए सभी श्रेणियों में 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले
- ''मैं कोरोना वांलिटियर'' अभियान प्रारंभ किया गया और आम नागरिकों को स्वयंसेवी के रूप में कोरोना के विरूद्ध लड़ाई से जोड़ा गया। अब तक 35 हजार से अधिक स्वयंसेवक अलग-अलग श्रेणियों में कोरोना वांलिटियर बने।
- प्रदेश के जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है वहॉं ''किल कोरोना -2'' अभियान प्रारंभ किया जायेगा। इसके अंतर्गत घर-घर जाकर सर्वे करते हुए संभावित मरीजों को चिन्हांकित किया जायेगा।
- एक हास्पिटल एडमिशन प्रोटोकॉल तैयार कर लागू किया जायेगा। इसका लाभ यह होगा कि हर पात्र मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की सुविधा मिलेगी तथा जिन्हें भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है वे घर पर ही आइसोलेट रहकर उपचार कर सकेंगे।
- जो मरीज होम आइसोलेट है, उनकी प्रतिदिन 2 बार वीडियो कॉल के माध्यम से मॉनीटरिंग की जायेगी। आकस्मिक निरीक्षण कर इसका सत्यापन किया जायेगा कि वे घर से बाहर तो नहीं जा रहे है।
- प्रत्येक जिले में कम से कम एक कोविड केयर सेन्टर प्रारंभ किया जायेगा। यहॉ उन मरीजों को आइसोलेट किया जायेगा, जिनके घर पर होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है।
- हर निजी चिकित्सालय के लिए यह अनिवार्य होगा कि कोविड मरीज के इलाज की दरें अस्पताल में एक बड़े बोर्ड पर प्रदर्शित करें। निर्धारित दरों के अलावा कोई भी चार्ज लेने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
- रेमिडीसिवर इंजेक्शन की कमी को लेकर ओर इसके उपयोग के सम्बन्ध में मानक प्रक्रिया ( एसओपी)/ प्रोटोकॉल निर्धारित कर जारी करेगी सरकार । इससे रेमिडीसिवर के अनावश्यक उपयोग पर लगाम लगेगी और अभाव दूर होगा ।
- मास्क, ऑक्सीजन, दवाएं आदि की कालाबाजारी और अनावश्यक मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
- होम आइसोलेटेड मरीज घर के बाहर न निकलें और प्रोटोकाल का पालन करे, इसकी सख्त व्यवस्था बनाई जाएगी।
- कोरोना वालेंटियर्स को परिचय-पत्र प्रदान किये जाएंगे।
- सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी आम जनता को आसानी से उपलब्ध हो सके , हम इसकी भी व्यवस्था बना रहे हैं ।