BJP के करिश्माई नेता हैं शिवराज सिंह चौहान, 5-5 बार सांसद और विधायक रहे, यहां पढ़ें उनका पूरा राजनीतिक सफर
शिवराज सिंह चौहान जनता के साथ जिस तरह कनेक्ट रहते हैं, उसका असर उनकी राजनीतिक पारी पर भी दिखाई पड़ता है। वह राज्य में 4 बार सीएम पद पर रह चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि उन्होंने जनता के साथ एक भरोसे का रिश्ता कायम किया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है और उसने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। यानी मध्य प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की जनता के साथ भरोसे का जो रिश्ता कायम किया, उसका नतीजा इस चुनाव में भी देखने को मिला। यहां हम शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व के बारे में जानेंगे।
4 बार सीएम रहे
शिवराज सिंह चौहान को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है। वह जनता के साथ काफी कनेक्ट रहते हैं, यही वजह है कि राज्य की जनता भी उन्हें बहुत मानती है। वह जनता के बीच मामा के नाम से भी जाने जाते हैं। शिवराज राज्य में 4 बार सीएम पद पर रह चुके हैं। वह बीजेपी के सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने वाले नेता हैं। इसके अलावा वह 5 बार सांसद और 5 बार विधायक रहे हैं।
कब लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव; कैसे संसद सदस्य बने?
शिवराज सिंह चौहान ने अपना पहला चुनाव बुधनी विधानसभा सीट से 1990 में लड़ा था। उनकी सांसदी का पहला कार्यकाल विदिशा संसदीय सीट से 1991 में शुरू हुआ। दरअसल पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ और विदिशा से चुनाव लड़ा था और बाद में फैसला किया कि जनता का ज्यादा आशीर्वाद जहां से मिलेगा, वहीं रहेंगे। इसके बाद उन्होंने विदिशा सीट शिवराज को दे दी थी। शिवराज सिंह 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में सांसद रहे।
सांसद के दूसरे कार्यकाल में शिवराज,मानव संसाधन विकास सलाहकार समिति, श्रम और कल्याण समिति, हिंदी सलाहकार समिति, सदन की बैठकों में सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति के सदस्य रहे। सांसद के तीसके कार्यकाल में शिवराज सिंह चौहान, मानव संसाधन विकास मंत्रालय समिति, शहरी और ग्रामीण विकास समिति, कृषि संबंधी समिति और प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। शिवराज सांसद के चौथे कार्यकाल में कृषि समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति, परामर्शदात्री समिति और संचार कार्य के सदस्य रहे। अपने पांचवें कार्यकाल में शिवराज शहरी और ग्रामीण विकास समिति, ग्रामीण क्षेत्रों और रोजगार मंत्रालय की उप-समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह चौहान ने 12 मई 2006 को सांसद पद से इस्तीफा दिया।
शिवराज ने कब-कब संभाला मुख्यमंत्री पद?
पहली बार 29 नवंबर 2005 से 10 दिसंबर 2008 तक वह सीएम रहे। 29 नवंबर 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 6 मई 2006 को बुधनी से उप-चुनाव जीता। दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 से 9 दिसंबर 2013 तक मुख्यमंत्री रहे। तीसरी बार 14 दिसंबर 2013 से 12 दिसंबर 2018 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। चौथी बार मार्च 2020 से अब तक मुख्यमंत्री पद पर हैं।
संगठन में भी निभाई अहम भूमिकाएं
शिवराज भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य रहे। भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान के प्रमुख (वर्ष 2019) रहे। इस दौरान भाजपा सदस्य संख्या साढ़े 18 करोड़ से अधिक हुई। उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। वह मध्यप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वह मध्य प्रदेश बीजेपी के भी अध्यक्ष रहे। उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली।
शिवराज सिंह का संगठन में सफर
- 1972: स्वयंसेवक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)
- 1975: अध्यक्ष, मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल छात्र संघ
- 1975 से 1976: आपातकाल के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में भाग लिया, मीसाबंदी भी रहे।
- 1976-1977: आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत कैदी
- 1977-1978: संगठन सचिव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भोपाल
- 1978-1980: संयुक्तसचिव, एबीवीपी मध्य प्रदेश
- 1980-1982: महासचिव, एबीवीपी मध्य प्रदेश
- 1982-1983: राष्ट्रीय मंत्री, एबीवीपी
- 1984-1985: संयुक्त सचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश
- 1985-1988: भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव
- 1988-1991: अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्यप्रदेश
- 1991-1992: संयोजक, अखिल भारतीय केशरिया हिंदू वाहिनी
- 1992-1996: महासचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा
- 1997-2000: महासचिव, मध्यप्रदेश भाजपा
- 2000-2003: राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा
- 2003-2005: राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा
- 2005-2006: प्रदेश अध्यक्ष, मध्यप्रदेश भाजपा
- 2014- 2022: सदस्य, भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड
- 2019: भाजपा ने सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया, इस दौरान 11 करोड़ सदस्यों से बढ़कर साढ़े 18 करोड़ सदस्य बने।
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