नवंबर में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के बाद रविवार 3 जनवरी को शिवराज कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ। राजभवन में एक सादे समारोह में 2 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई है। ये दोनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के चहेते नेता हैं। दूसरी ओर शिवराज के इस मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के किसी भी पुराने नेता को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। बताया जा रहा है कि मंत्री बनने की दौड़ में कई नेता थे, लेकिन संगठन में उनके नामों पर सहमति नहीं बन पाई है
बता दें कि आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले दोनों नेता तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले कांग्रेस में थे। दोनों ही कांग्रेस से बगावत करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस बगावत से तत्कालीन कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। दोबारा सत्ता संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में ये दोनों नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन 6 महीने के अंदर दोनों चुनाव नहीं जीत पाए थे। इसलिए उपचुनाव से पहले दोनों को इस्तीफा देना पड़ा था।
नवंबर में हुए उपचुनाव में दोनों जीत हासिल की है। उसके बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से कई बार मुलाकात की थी। एक जनवरी को सरकार ने कैबिनेट विस्तार को लेकर फैसला किया था। उसके बाद यह तय हो गया था कि 3 जनवरी को कैबिनेट का विस्तार होगा।