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Hindi News मध्य-प्रदेश 'हमने कोई रिश्वत नहीं ली है', यहां के डॉक्टर शपथ पत्र लेने के बाद देखते हैं मरीज

'हमने कोई रिश्वत नहीं ली है', यहां के डॉक्टर शपथ पत्र लेने के बाद देखते हैं मरीज

विभागीय अधिकारियों को जारी पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो समाचार पत्रों की सुर्खियां बना। सिविल सर्जन की सोच और उनके कुशल मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

डॉक्टर जी.एस. परिहार ने...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV डॉक्टर जी.एस. परिहार ने जारी किया आदेश

मध्य प्रदेश के शहडोल में स्वास्थ्य के नाम पर किस कदर रिश्वत का खेल होता है इसका जीता जागता नमूना शहडोल के जिला अस्पताल में देखने को मिला। यहां के सिविल सर्जन डॉक्टर जी.एस. परिहार ने 13 जनवरी को रिश्वत खोरी को लेकर सर्जिकल, अस्थि रोग एवं पीजीएमओ सर्जरी विभाग को पत्र लिखकर एक आदेश दिया है। इस आदेश में लिखा है कि ऑपरेशन करने से पहले मरीज और उनके सगे संबंधियों से शपथ पत्र ले लें कि हमने कोई रिश्वत नहीं ली है और यह शपथ-पत्र सिविल सर्जन को प्राप्त कराने के बाद ही ऑपरेशन का काम शुरू करें।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र

विभागीय अधिकारियों को जारी यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो समाचार पत्रों की सुर्खियां बना। सिविल सर्जन की सोच और उनके कुशल मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक मनीषा सिंह ने भी इस पर सवाल उठाए जिसका असर यह हुआ कि 17 जनवरी को डॉ. जी.एस. परिहार ने फिर एक पत्र जारी किया और पूर्व में जारी पत्र को तत्काल निरस्त करने का आदेश दियाजी.एस. परिहार सिविल सर्जन ने फिर एक पत्र जारी किया और पूर्व में जारी पत्र को तत्काल निरस्त करने का आदेश दिया।

इसलिए उठे सवाल

सरकारी अस्पताल होने के बाद भी शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में जब से डॉ. जी.एस.परिहार सिविल सर्जन बने हैं, अस्पताल व्यवसायिक परिसर बन चुका है। आम आदमियों से हर मामले में रुपये लेना, ब्लड बैंक से खून बेचना, एम्बुलेंस के नाम पर कारोबार और दवाईयों की कालाबाजारी के साथ ही रोगी कल्याण समिति का एकाधिकार अपने पास रखना तमाम मामले ऐसे थे जो जनता से जुड़े थे। लेकिन 6 बार भाजपा के विधायक रहे वर्तमान जैतपुर विधायक जयसिंह मरावी के चालक से जब डॉ. अपूर्व पाण्डेय ने इलाज के नाम पर 5 हजार रुपये ले लिए तो विधायक ने इसकी शिकायत की। सीएस ने इस मामले को जांच में उलझा दिया। सीएस तक मामला जाने के बाद बेमन से डॉक्टर को निलंबित किया गया। आरोप थे कि अस्पताल में होने वाली हर वसूली सीएस के निर्देश पर होती है।  

(रिपोर्ट- विशाल खण्डेलवाल)

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