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Hindi News मध्य-प्रदेश 6 दिन में किया दूसरा शिकार, नामीबिया के चीतों को भाया कूनो पार्क, मार गिराया ये जानवर

6 दिन में किया दूसरा शिकार, नामीबिया के चीतों को भाया कूनो पार्क, मार गिराया ये जानवर

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों ने 6 दिन में दूसरी बार शिकार किया है। उन्होंने एक चीतल को मार गिराया है। पिछले दिनों 2 चीतों को छोटे बाड़े से निकालकर बड़े बाड़े में छोड़ा गया। इस दौरान उन्होंने दो बार शिकार किया। दोनों ही बार ​चीतल को मार गिराया। जानिए पूरी डिटेल।

कूनो नेशनल पार्क- India TV Hindi Image Source : FILE कूनो नेशनल पार्क

कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में छोड़े गए दो नामीबियाई चीतों ने गुरुवार को एक बार फिर चीतल का शिकार किया है। पिछले 6 दिनों में चीतों का यह दूसरा शिकार है। इन दोनों चीतों के शिकार करने वाले आक्रामक व्यवहार ने उन 6 चीतों के भी बड़े बाड़े में आने की मुश्किल आसान कर दी, जो अभी छोटे बाड़े में ही कैद हैं। उन्हें छोड़ने के लिए चीता टास्क फोर्स विचार विमर्श कर रही है। दोनों चीतों के कार्यकलापों की रिपोर्ट के आधार पर ही 6 चीतों को भी बड़े बाड़े में छोड़ने के संबंध में फैसला होगा। 

पांच नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़े जाने के बाद दोनों चीतों ने 7 नवंबर की सुबह पहला शिकार किया था। अब 10 नवंबर की रात को एक और चीतल का शिकार उन्होंने किया। इसकी जानकारी विशेषज्ञों की टीम को मॉनिटरिंग के लिए बाड़े में जाने पर मिली।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कूनो नेशनल पार्क के मुताबिक पहले शिकार के बाद चीतों ने दूसरा शिकार भी सही समय पर किया है। चीतों को तीसरे दिन खाने में ट्रीट दी जा रही थी। इसलिए इन्हें तीसरे दिन ही भूख लग रही थी। गुरुवार को इनके शिकार का तीसरा दिन हो रहा था और इसी दौरान चीतों ने शिकार कर लिया। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए चीते छोड़े थे। उन चीतों को अभी तक एक बाड़े में रखा गया था। उस बाड़े में ही उन्हें खाने के लिए मांस आदि दिया जाता था। फिर दो चीतों को पिछले दिनों बाहर निकालकर बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। चीतों ने छोटे बाड़े में छूटने के भीतर ही अपना पहला शिकार कर लिया था। 

5 मादा और 3 नर चीते लाए गए थे नामीबिया से

नामीबिया से ये 8 चीते सितंबर माह में लाए गए थे। इनमें से 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं। इन चीतों को एक महीने तक क्वारंटीन में रखा गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर जंगली जानवरों को स्थानांतरण से पहले और बाद में एक महीने के लिए क्वारंटीन किया जाता है, ताकि वे दूसरे देश से अपने साथ लाए किसी बीमारी को फैला ना पाएं।