Sawan 2022: श्रावण मास का आज पहला सोमवार है। ऐसे में बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में रात से ही उत्साह दिखाई दे रहा था। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में रात 2 बजे से ही बाबा महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु कतार में लगे दिखाई दिए। सुबह 2.30 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती शुरू हुई, जिसके दर्शन के बाद बाबा की भक्ति में खूब जयकारे लगे। इस दौरान महाकाल का जल से नहलाकर दूध, दही, घी, शहद व फलों के रसों से महापंचामृत अभिषेक हुआ और भांग-चन्दन से भोलेनाथ का श्रंगार किया गया। झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती पूरे विधि विधान से पूरी हुई।
सावन मास में शिव मंदिरों में भीड़
आज सावन मास का पहला सोमवार है। इसीलिए सुबह से ही देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही शिव मंदिरों में झांझ मंजीरे, हर हर महादेव, बम बम भोले के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। दरअसल कोरोना के की वजह से 2 साल तक शिव मंदिरों में श्रावण महीने में शिव दर्शन और शिव आराधना नहीं हो पाई थी। यही वजह है कि इस बार भक्त मौका नहीं छोड़ना चाहते।
महाकालेश्वर में हुआ बाबा का श्रंगार
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती हुई। पहले महाकाल बाबा को जल से नहलाया गया, फिर दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से उनका महापंचामृत अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए। इसके बाद बाबा को भस्म चढ़ाई गई। माना जाता है कि श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना है। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से फौरन मुक्ति मिलती है। इसलिए भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हे ।
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को चंद्र वास कहते हैं। इसे शीतल दिन या शांत दिन कहते हैं। इसलिए भगवान शिव आज शांत और प्रसन्नचित्त महसूस करते हैं। इसलिए आज पूरी दिव्यता के साथ भस्म आरती की जाती है। आज बाबा महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है और भांग से शृंगार किया जाता है।