A
Hindi News मध्य-प्रदेश Resort politics in MP: बीजेपी को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, पार्षदों को भेजा दिल्ली, कांग्रेस ने भी उठाया बड़ा कदम

Resort politics in MP: बीजेपी को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, पार्षदों को भेजा दिल्ली, कांग्रेस ने भी उठाया बड़ा कदम

Resort politics in MP: महापौर पद कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी अब निगम अध्यक्ष अपना बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रही है।

Resort politics in MP- India TV Hindi Resort politics in MP

Highlights

  • निगम अध्यक्षों के चुनाव में पार्षदों के लिए भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू
  • मध्य प्रदेश में 2020 में विधायकों के बाद 2022 में पार्षदों की बाड़ाबंदी
  • बीजेपी ने 34 पार्षदों को क्रॉस वोटिंग के डर से की बाड़ाबंदी, भेजा दिल्ली

Resort politics in MP: मध्य प्रदेश में पहली बार जनता ने रिजॉर्ट पॉलिटिक्स को मार्च 2020 में देखा था, जब कांग्रेस की 15 महीने की सरकार को कांग्रेसियों ने ही विद्रोह कर गिरा दिया था। फिर बीजेपी ने 22 कांग्रेसी विधायकों जिसमें 6 मंत्री भी शामिल थे, के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली थी और तब बाड़ाबंदी बेंगलुरु की एक रिजॉर्ट की थी। नतीजे में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई।

बीजेपी ने 34 पार्षदों को दिल्ली बुलवा लिया 

2022 में ऐसी ही रिजॉर्ट पॉलिटिक्स एक बार फिर देखी जा रही है, लेकिन सरकार गिराने के लिए नहीं, बल्कि ग्वालियर नगर निगम में अध्यक्ष बनाने के लिए। महापौर पद कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी अब निगम अध्यक्ष अपना बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रही है, इसलिए बीजेपी ने अपने चुने हुए 34 पार्षदों को एक लग्जरी बस के जरिए दिल्ली बुलवा लिया है। 

दिल्ली में बीजेपी के सभी पार्षदों की मुलाकात और बैठक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से भी होगी। वोटिंग 5 अगस्त को होनी है, इसलिए माना जा रहा है कि बाड़ाबंदी किए गए तमाम पार्षद अब वोटिंग के दिन ही वापस लौटेंगे।

 ग्वालियर नगर निगम पर अब कांग्रेस का कब्जा 

दरअसल, 57 सालों से बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर नगर निगम पर बीते दिनों हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का कब्जा हो गया। महापौर कांग्रेस का बना है, लेकिन पार्षदों का बहुमत बीजेपी के पास है। ऐसे में नगर निगम के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पार्षदों के द्वारा होना है। 66 पार्षदों वाली ग्वालियर नगर निगम में 34 पार्षद बीजेपी के हैं, तो कांग्रेस के 25, वहीं छह निर्दलीय पार्षद हैं और एक बीएसपी का।

 कांग्रेस के पास 25, जबकि बीजेपी के पास 34 पार्षद

ऐसे में जबकि महापौर कांग्रेस का है, तो बीजेपी को डर है कि कांग्रेस के 25 पार्षदों को 6 निर्दलीयों के अलावा एक  बीएसपी का और क्रॉस वोटिंग के जरिए अगर दो बीजेपी के पार्षदों के वोट मिल गए, तो कांग्रेस के पास 34 पार्षदों का समर्थन हो जाएगा और नगर निगम परिषद का अध्यक्ष कांग्रेस का बनेगा।

इन्हीं समीकरणों को देखते हुए बीजेपी ने अपने पार्षदों को बाड़ाबंदी कर दिल्ली भेजा है, तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। कांग्रेस ने भी अपने 25 पार्षदों, तीन निर्दलीय और 1 बीएसपी पार्षद को बस में लेकर रिजॉर्ट पॉलिटिक्स जैसे तीर्थ पॉलिटिक्स के लिए ले गई है।