भोपाल। देशभर में लाउडस्पीकर के जरिए अजान पर विवाद और सियासत तेज है। ऐसे में इंडिया टीवी ने 105 साल से भी ज्यादा पुराने जुमा मस्जिद से जब रियलिटी चेक किया तो साउंड मीटर के मुताबिक 77 से पचासी डेसिबल तक ध्वनि प्रदूषण स्तर दिखाई दिया। वहीं इस दौरान जुमे की नमाज पढ़ने आए मुस्लिम रोजेदार इस पूरे मामले पर बेहद नाराज भी दिखे।
इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान नाराज रोजेदारों ने कहा, "राज ठाकरे कौन है जो मुसलमानों को खत्म करवाएगा? 2014 से पहले हमने यह कभी नहीं देखा। 8 साल से यह नौटंकी हो रही है। राज ठाकरे को क्या तकलीफ है, वह कोई बादशाह है या यहां का प्रधानमंत्री है? मुसलमानों का तुम जिंदगी भर तक कुछ नहीं कर सकते, तुम शेर को मत जगाओ, अगर हम जाग गए तो तुम्हारा सूपड़ा साफ कर देंगे, अभी हम बर्दाश्त कर रहे हैं, रमजान का महीना चल रहा है, सब्र का महीना है इसलिए चुपचाप हैं।"
रोजेदारों ने कहा कि लाउडस्पीकर की आवाज कम हो जाए तो भी दिक्कत नहीं है, ज्यादा भी बज रही है तो क्या दिक्कत है? हमने तो किसी धर्म पर आपत्ति नहीं की कि क्यों तेज़ बजा रहे हैं। अजान और भजन से बलाई टलती है। परेशानी उनको है जो शैतान के भाई हैं। उन्होंने आगे कहा कि दुनियाभर के पाठ करते हैं, हमें तो कोई दिक्कत नहीं होती, नवरात्र-नवदुर्गा में भी स्पीकर बजाते हैं। सिर्फ तीन मिनट अजान होती है, आप लोग 6 वक्त भजन करो।
वहीं एक व्यक्ति ने कहा कि लाउड स्पीकर की आवाज इतनी भी नहीं होना चाहिए कि कानों को फाड़े, कायदे के अंदर होना चाहिए। करीब-करीब इतनी मस्जिदें हैं और इतनी तेज लाउडस्पीकर बजता है जैसे किसी को मालूम ही नहीं हो कि नमाज होने वाली है। किसी भी धर्म, किसी भी वजह से ध्वनि प्रदूषण नहीं होना चाहिए चाहे वह नवदुर्गा हो, गणेश जी बैठे हों या आजान हो रही हो।"