लोकसभा चुनाव 2024 | रोडमल नागर Vs दिग्विजय सिंह: राजगढ़ में होगी कांटे की टक्कर!
Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट पर जहां भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर रोडमल नागर को मौका दिया है वहीं कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा है।
लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। सूबे में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक राजगढ़ पर लोगों की खास नजरें हैं क्योंकि यहां बीजेपी के अनुभवी नेता रोडमल नागर के सामने कांग्रेस के दिग्गज लीडर दिग्विजय सिंह हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी।
दिलचस्प रहा है राजगढ़ की लोकसभा सीट का इतिहास
राजगढ़ की लोकसभा सीट पर पहले और दूसरे आम चुनावों में कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन 1962 में हुए तीसरे आम चुनावों में यहां से निर्दलीय नेता भानु प्रकाश सिंह ने जीत दर्ज की थी। 1967 में यह सीट भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार बाबूराव पटेल ने जीती थी। 1971 में भी जगन्नाथ राव जोशी ने इस सीट पर जनसंघ का परचम लहराया था। इसके बाद होने वाले चुनावों में यह सीट कभी जनता पार्टी, कभी कांग्रेस तो कभी भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में आई। पिछले 2 बार से बीजेपी के रोडमल नागर यहां से सांसद हैं और पार्टी ने इस बार भी उन्हें ही प्रत्याशी बनाया है।
BJP के रोडमल नागर ने भारी अंतर से जीते थे दोनों चुनाव
63 साल के रोडमल नागर मध्य प्रदेश में बीजेपी के बडे़ नेताओं में गिने जाते हैं। राजगढ़ की लोकसभा सीट पर उन्होंने 2014 और 2019 में बडे़ अंतर से अपने करीबी प्रतिद्वंदियों को मात दी थी। संघ के कार्यकर्ता रहे रोडमल नागर को 2014 के लोकसभा चुनावों में 5,96,727 वोट मिले थे और उन्होंने 3,67,990 वोट पाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह अमलाबे को बड़े अंतर से पराजित किया था। 2019 के चुनावों में रोडमल के सामने कांग्रेस की मोना सुस्तानी थी और उन्हें बीजेपी प्रत्याशी ने 4 लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था। ऐसे में देखा जाए तो रोडमल से पार पाना प्रतिद्वंदियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
पिछली हार को भूलकर आगे बढ़ना चाहेंगे दिग्विजय सिंह
भारत की राजनीति में दिग्विजय सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। कांग्रेस के इस कद्दावर नेता ने बतौर मुख्यमंत्री 10 साल (1993 से 2003) मध्य प्रदेश पर शासन किया है। हालांकि 1977 में सिर्फ 30 साल की उम्र में पहला विधानसभा चुनाव जीतने वाले दिग्विजय को 2019 में बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी थी। प्रज्ञा ने 2019 के चुनावों में दिग्विजय को 3.6 लाख से भी ज्यादा वोटों के भारी अंतर से हराया था। दिग्विजय सिंह हालांकि पिछली हार को भुलाकर राजगढ़ में नई चुनौती के लिए तैयार हैं और जोर शोर से अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में 4 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
मध्य प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव 4 चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। सूबे में पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को, दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को, तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को और चौथे चरण की वोटिंग 13 मई को होगी। चुनावों के नतीजे 4 जून को आएंगे। राजगढ़ में तीसरे चरण के तहत 7 मई को वोट डाले जाएंगे और सभी प्रत्याशियों ने अपने-अपने प्रचार के लिए कमर कस ली है। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सूबे की 29 में से 28 सीटें अपनी झोली में डाल ली थीं, जबकि छिंदवाड़ा की सीट पर कांग्रेस का परचम नकुल नाथ ने लहराया था। बीजेपी जहां इस बार सूबे की सारी सीटों पर जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस भी अपने प्रदर्शन को बहुत ज्यादा बेहतर करना चाहेगी।