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Hindi News मध्य-प्रदेश भारत जोड़ो यात्रा में साइकिल की सवारी करते दिखे राहुल गांधी, इंदौर से उज्जैन की तरफ बढ़ी यात्रा

भारत जोड़ो यात्रा में साइकिल की सवारी करते दिखे राहुल गांधी, इंदौर से उज्जैन की तरफ बढ़ी यात्रा

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही इस यात्रा ने एमपी में 23 नवंबर को एंट्री की थी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के छठे दिन सैकड़ों पदयात्रियों का कारवां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इंदौर से उज्जैन की ओर बढ़ा।

भारत जोड़ो यात्रा में साइकिल की सवारी करते दिखे राहुल गांधी- India TV Hindi Image Source : ANI(SCREEN GRAB) भारत जोड़ो यात्रा में साइकिल की सवारी करते दिखे राहुल गांधी

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही इस यात्रा ने एमपी में 23 नवंबर को एंट्री की थी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के छठे दिन सैकड़ों पदयात्रियों का कारवां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इंदौर से उज्जैन की ओर बढ़ा। यात्रा की शुरुआत इंदौर के बड़ा गणपति चौराहे से हुई। रास्ते में एक साइकिल सवार भी यात्रा में शामिल हुआ और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुछ पलों के लिए पैदल यात्रा को विराम देते हुए उसकी साइकिल के पैडल मारते नजर आए। 

'यात्रा में शामिल हुए राहत इंदौरी के बेटे सतलज राहत'

राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही इस यात्रा में इंदौर के मशहूर शायर राहत इंदौरी के बेटे सतलज राहत भी शामिल हुए। सतलज ने बताया कि उन्होंने अपने दिवंगत पिता पर केंद्रित दो किताबें राहुल गांधी को पदयात्रा के दौरान भेंट कीं, जिनमें राहत इंदौरी की आत्मकथा शामिल है। कांग्रेस के घोषित कार्यक्रम के मुताबिक यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले, 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में 380 किलोमीटर का फासला तय करेगी। बता दें कि इस कृषि प्रधान अंचल में आदिवासियों की बड़ी आबादी रहती है। 

एमपी में अपने आधे से ज्यादा सफर पूरा कर चुकी है यात्रा

राहुल गांधी की अगुवाई वाली यात्रा महाराष्ट्र से गुजरने के बाद ‘दक्षिण का द्वार’ कहे जाने वाले बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से मध्य प्रदेश में 23 नवंबर को दाखिल हुई थी। आपको बता दें कि गुजरे छह दिनों में यह यात्रा मध्य प्रदेश में अपना आधे से ज्यादा सफर पूरा कर चुकी है। इस दौरान गांधी की अगुवाई में पदयात्रियों का कारवां बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और इंदौर जिलों से गुजरा है।