हिट एंड रन कानून को लेकर विरोध का MP में असर, 5 लाख वाहनों की रफ्तार पर लगा ब्रेक
भोपाल में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर कई यात्रियों को फंसे देखा गया, क्योंकि चालकों ने मंगलवार सुबह अंतर-शहर बसें नहीं चलाईं। कुछ यात्रियों ने भोपाल से इंदौर तक यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करने की शिकायत की।
हिट एंड रन मामलों के लिए लाए गए नए कानून को लेकर देश के कई राज्यों में चक्काजाम से हाल बेहाल हो गया है। ट्रांसपोर्ट्स के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों पर नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। राज्य की राजधानी भोपाल में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) पर कई यात्रियों को फंसे देखा गया, क्योंकि चालकों ने मंगलवार सुबह अंतर-शहर बसें नहीं चलाईं। कुछ यात्रियों ने भोपाल से इंदौर तक यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करने की शिकायत की। चालकों के आंदोलन के बीच मंगलवार सुबह भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों की टंकी में ईंधन भरवाने के लिए भारी भीड़ देखी गई।
कुछ स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध
कुछ लोगों ने दावा किया कि पेट्रोल पंपों पर पानी खत्म हो जाने के कारण वे अपने वाहनों में ईंधन नहीं भरवा सके। हालांकि, मध्य प्रधेश के विभिन्न जिलों और भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में प्रशासन ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी नहीं है। नए दंड कानून के एक प्रावधान के विरोध में ट्रकों और टैंकरों सहित वाणिज्यिक वाहनों के चालकों ने सोमवार से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया और कुछ स्थानों पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा और सात लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।
हजारों यात्रियों को हुई असुविधा
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने बताया, "नए कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं।" उन्होंने मांग की कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए। ग्वालियर में आंदोलनरत ड्राइवरों ने झांसी रोड पर विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों के अनुसार, चालकों की हड़ताल के कारण इंदौर शहर में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के साथ-साथ अंतर-शहर यात्री बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा हुई है। भोपाल में आईएसबीटी पर भी यात्री फंसे दिखे। मंगलवार सुबह आईएसबीटी पर यात्री राघव गुर्जर ने कहा कि उन्हें इंदौर जाना है, लेकिन उनके लिए वाहन ढूंढना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा, "मैंने सोचा कि कम से कम हमें इलेक्ट्रिक बसें मिल जाएंगी। मुझे चार्टर्ड या कोई अन्य बस नहीं मिल रही है, क्योंकि वे भी नहीं चल रही हैं। हम घर पहुंचने के लिए टैक्सियों की तलाश कर रहे हैं।"
इलेक्ट्रिक बसें-टैक्सियां भी नहीं चलीं
भोपाल के यात्री उमेश सोलंकी ने भी कहा कि उन्हें कार्यालय के कुछ जरूरी काम से इंदौर जाना था, लेकिन सभी चार्टर्ड बसें रद्द होने के कारण वह बस स्टेशन पर फंस गए। उन्होंने कहा, इलेक्ट्रिक बसें और टैक्सियां भी नहीं चल रही हैं। भोपाल के कुछ पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ देखी गई। राज्य की राजधानी में पेट्रोल पंप चलाने वाले ब्रम्हदेव तिवारी ने कहा, ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी है, इसलिए हमने डिपो में अपना टैंकर भेजा, लेकिन वहां अन्य ट्रक ड्राइवरों ने हमें ईंधन खरीदने की अनुमति नहीं दी, जिससे यहां समस्याएं पैदा हुईं। भीड़ की भारी मांग के बाद उन्होंने कहा कि उनके पेट्रोल पंप पर ईंधन खत्म हो गया है। भोपाल में दोपहिया वाहन मालिक शरद रंगारी ने कहा कि वह अपने वाहन में ईंधन भरने के लिए डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन जब उनकी बारी आई, तो पेट्रोल पंप पर स्टॉक खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि समस्या तो है। सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसी का मरीज भर्ती है, किसी को काम पर जाना है, किसी को अपने बच्चों को लेने जाना है।
टैंकर चालकों को मना लिया गया
प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने भोपाल में बताया कि मंगलवार शाम तक पूरे राज्य में ईंधन आपूर्ति की स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा, "हमने अपने टैंकर चालकों को मना लिया है और वे पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति के लिए ईंधन लाने के वास्ते पेट्रोल डिपो तक पहुंच गए हैं।" सोमवार रात भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ईंधन आपूर्ति की स्थिति पर नजर रखने के लिए यहां एक पेट्रोल डिपो गए। निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां अपने वाहनों से ईंधन आपूर्ति का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, "पेट्रोलियम कंपनियों के वाहनों के जरिए दस लाख लीटर पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति की गई है। लोगों को घबराने और ईंधन स्टेशनों पर कतार लगाने की जरूरत नहीं है।"
हड़ताल जारी रही तो आपूर्ति की स्थिति बिगड़ेगी
कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि अगर चालकों की हड़ताल जारी रही, तो आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति की स्थिति और बिगड़ेगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने कहा कि जिले में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इन ईंधनों की सतत आपूर्ति की जा रही है। रीवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, शहडोल और नर्मदापुरम सहित कई अन्य जिलों के कलेक्टरों ने भी लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखी जा रही है। सोमवार को राज्य के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने आंदोलनकारी चालकों से सरकार के साथ अपने मुद्दे पर चर्चा करने की अपील की। उन्होंने कहा, "कानून बनाने का मतलब यह नहीं है कि यह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है। उन्हें चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। हम उनसे बात करेंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर लोगों और वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेगी।