भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा के उप-चुनाव में बयानों के बाण लगातार तल्ख होते जा रहे हैं। कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने आए आचार्य प्रमोद कृष्णन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धार्मिक ग्रंथ के तीन मामा शकुनी, कंस और मरीच का मिश्रण बताए जाने पर सियासी माहौल गर्मा दिया है। कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में प्रमोद कृष्णन ने मंगलवार को शिवपुरी जिले और मुरैना के विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं को संबोधित किया था। इन सभाओं में कृष्णन के निशाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि पहला मामा मरीच जिसने रूप बदलकर सीता माता का हरण कराया था, दूसरा मामा कंस, जिसने अपनी सत्ता को बचाने के लिए बहन के बच्चों को मार दिया था और तीसरा मामा शकुनि जो छल फरेब करके पांडवों का सर्वनाश करना चाहता था। इन तीनों मामाओं को मिला दें तो मामा शिवराज बनता है।
कृष्णन के इस बयान के बाद से राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, कांग्रेस के अधिकृत स्टार प्रचारक प्रमोद कृष्णन द्वारा जिस प्रकार की अभद्र आपत्तिजनक और शर्मनाक भाषण मुरैना जिले में कांग्रेस के मंच से दिया गया, इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ जिम्मेदार हैं। कमल नाथ प्रदेश के लाखों भांजे-भांजियों से क्षमा याचना करें और प्रमोद कृष्णन को प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाएं।
रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस और कमल नाथ से सवाल किया है कि क्या स्वयं कांग्रेस ऐसी भाषा का विरोध कर निर्वाचन आयोग में शिकायत करेगी?
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने प्रमोद कृष्णन का बचाव करते हुए कहा कि, आचार्य प्रमोद कृष्णन धार्मिक व्यक्ति है, अब वह जो भी बात करेंगे धर्म आधारित उदाहरणों पर ही करेंगे। मप्र में भाजपा ने अधर्म, अनीति के रास्ते पर चलकर सरकार बनाई है अब ऐसे में इसी तरह के उदाहरण दिए जा सकते हैं। भाजपा के नेताओं को इस प्रकार से बौखलाना नहीं चाहिए। प्रदेश की जनता भी जानती है किस तरह से लोकतंत्र की हत्या करके महापाप कर भाजपा ने सरकार बनाई है।