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Hindi News मध्य-प्रदेश ये है देश का "सबसे गरीब" परिवार, पूरे परिवार की सालाना आय है 2 रुपये, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे

ये है देश का "सबसे गरीब" परिवार, पूरे परिवार की सालाना आय है 2 रुपये, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे

मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक परिवार रहता है, जिनका सालाना इनकम 2 रुपये है। हालांकि यह अर्धसत्य है। क्योंकि जब आय प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब पोलपट्टी खुल गई। चलिए बताते हैं कि इसके पीछे की कहानी क्या है।

poorest family lives in Sagar district family income is Rs 2 per year VIRAL POST- India TV Hindi Image Source : INDIA TV "सबसे गरीब" परिवार, जिनकी आय है सालाना 2 रुपये

अक्सर छात्रवृति या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए या कहीं एडमिशन पाने के लिए आय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। अमूमन गांवों या देहात के इलाकों में वकीलों को पैसे दे दिए जाते हैं और वो आय प्रमाण पत्र बनवाकर दे देते हैं। अधिकांश आय प्रमाण पत्र में कम से कम आय 24 हजार रुपये सालाना दिखाई जाती है, ताकि कम आय की वजह से कई तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि किसी की सालाना आय 2 रुपये है और वकील द्वारा 2 रुपये की सालाना आय वाली आय प्रमाण पत्र भी बना दी जाए।

आय प्रमाण पत्र में 2 रुपये सालाना आय

दरअसल ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले का है, जहां बंडा तहसील से अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां तहसील कार्यालस से एक शख्स का मात्र 2 रुपये सालाना आय का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। प्रमाण पत्र तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद ही जारी हुआ है। प्रमाण पत्र को देखने पर पता चलता है कि जनवरी 2024 में इसे बनाया गया है। बता दें कि यह मामला प्रकाश में सोशल मीडिया के जरिए आया। दरअसल इस आय प्रमाण पत्र में पूरे परिवार की कुल आय मात्र 2 रुपये सालाना दर्शाई गई है। बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला प्रकाश में आया है। मेरी पदस्थापना से पहले का यह प्रकरण है। आय प्रमाण पत्र की जांच करा रहे हैं। यदि यह संशोधित नहीं हुआ है, तो इसे ठीक कराया जाएगा। 

वायरल हुई पोस्ट तो सामने आई सच्चाई

तहसीलदार ने कहा कि सोशल मीडिया पर इसके वायरल होने के बाद इसकी पड़ताल की गई। पता चला कि इनकम सर्टिफिकेट बंडा ब्लॉक के घूघरा गांव के रहने वाले बराम चढ़ार का है। उन्होंने जनवरी महीने में आवेदन किया था। इस वक्त बलराम चढ़ार ने सालाना इनकम 40 हजार रुपये लिखी थी, लेकिन संबंधित सेंटर में आवेदन को ऑनलाइन करते समय सालान इनकम 2 रुपये लिख दी गई। ऑनलाइन आवेदन में इनकम रुपये लिखने के बाद सर्टिफिकेट को बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान आवेदन क्लर्क से लेकर तहसीलदार तक पहुंचा। तत्कालीन बंडा तहसीलदार ज्ञानचंद्र राय ने आवेदन पर हस्ताक्षर कर 8 जनवरी 2024 को सर्टिफिकेट जारी कर दिया। उन्होंने इस दौरान यह भी नहीं देखा कि आवेदन की आय मात्र 2 रुपये लिखी है। उन्होंने कहा कि जब इस मामले में ज्ञानचंद्र राय से बात की तो उन्होंने बगैर जवाब दिए ही फोन काट दिया। तहसीलदार ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है। 

(रिपोर्ट- टेकराम ठाकुर)