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Hindi News मध्य-प्रदेश चुनाव में हार के बाद पंकज टेकाम नहीं दे रहे बैनर-पोस्टर के पैसे, कर्ज में डूबे बीजेपी नेता का छलका दर्द

चुनाव में हार के बाद पंकज टेकाम नहीं दे रहे बैनर-पोस्टर के पैसे, कर्ज में डूबे बीजेपी नेता का छलका दर्द

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले के भाजपा नेता के एक पोस्ट से सोशल मीडिया जगत में हड़कंप मच गया, जब उन्होंने लिखा कि सामने वाला कोई है जो उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है।

भाजपा नेता दशरथ सिंह राठौर का छलका दर्द- India TV Hindi भाजपा नेता दशरथ सिंह राठौर का छलका दर्द

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले के भाजपा नेता के एक पोस्ट से सोशल मीडिया जगत में हड़कंप मच गया, जब उन्होंने लिखा कि सामने वाला कोई है जो उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है। भाजपा नेता कोई आम आदमी नहीं, बल्कि वह डिंडोरी जिले के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं। बात हो रही है भाजपा नेता दशरथ सिंह राठौर की, जिनके पोस्ट के बाद से भाजपा सख्ते में है। 

कही नहीं हुई सुनवाई 

दरअसल, भाजपा नेता दशरथ सिंह राठौर कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान हैं, लेकिन कोई भी वरिष्ठ पदाधिकारी उनकी समस्या को सुलझाने में सक्षम नहीं है कि उनकी इस समस्या का निदान कर सके, जिसके चलते उन्हें यह सनसनीखेज पोस्ट करना पड़ा। दशरथ सिंह राठौर कई वर्षों से बीजेपी के जमीनी नेता के रूप में काम कर रहे हैं। जिला सहित प्रदेश भर के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी फोटो फेसबुक सहित सोशल मीडिया में देखी जा सकती है। फिर भी इस भाजपा नेता की सुनवाई कही नहीं हो रही है। ऐसे में आमजनों की समस्या किस स्तर तक दूर हो पाएगी, भाजपा राज में यह एक बड़ा सवाल है। 

चुनावी प्रचार के लिए लगवाए थे बैनर-पोस्टर

पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष दशरथ राठौर ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी पंकज सिंह तेकाम ने लगभग 10 लाख 54 हजार रुपये के बैनर और पोस्टर चुनावी प्रचार-प्रसार के लिए लगवाए थे, जिसका लगभग 5 लाख 54 हजार रुपये बकाया है। वहीं, चुनाव में मिली हार के बाद से बीजेपी नेता पंकज टेकाम न तो फोन उठा रहे हैं और न ही चुनाव के दौरान कराए गए काम का पैसा दे रहे हैं, जिसकी वजह से पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष कर्ज में डूब गए और मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों से पैसा दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन अब तक उनकी किसी ने नहीं सुनी। (रिपोर्ट- दीपक नामदेव)

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