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Hindi News मध्य-प्रदेश खंडवा पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री, सनातन के विरोधियों को रावण के खानदान का बताया; VIDEO

खंडवा पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री, सनातन के विरोधियों को रावण के खानदान का बताया; VIDEO

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे हैं। यहां बाबा ने रास्ते में मिलने वालों के लिए अपना काफिला रोक लिया। धीरेंद्र शास्त्री के काफिले में सैकड़ों गाडियां साथ थीं। इस दौरान मीडिया से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन के विरोधियों को रावण के खानदान का बता दिया।

Pandit Dhirendra Shastri- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO खंडवा पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज विमान से खंडवा हवाई पट्टी पर पहुंचे। बारिश के चलते पंडित धीरेंद्र शास्त्री का विमान थोड़ी देर से खंडवा पहुंचा। इसके बाद हवाई पट्टी से धीरेंद्र शास्त्री का काफिला खंडवा जिले के हरसूद की ओर रवाना हो गया, जहां पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दो दिवसीय कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम के तहत आज के दिन श्रद्धालु कथा श्रवण करेंगे तो वहीं कल बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार लगेगा, जिसमें लोग पहुंचकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री से अपनी समस्याओं और परेशानियों का हल जानेंगे। 

सनातन पर कटाक्ष करने वालों पर बोले बाबा
जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री खंडवा हवाई पट्टी से निकल कर सड़क मार्ग से जा रहे थे। उस दौरान बागेश्वर बाबा ने रास्ते में अपना काफिला रोक दिया, जहां बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए खड़े थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की और कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र हो और सनातन की जागृति हो इसलिए हम यहां आए हैं। इस दौरान सनातन पर कटाक्ष करने वालों के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "ये सब रावण के खानदान के है बेचारे..." मीडिया से बातचीत के दौरान जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री से पूछा गया कि सनातन पर कटाक्ष करने वालों पर क्या कहेंगे? इसपर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "ये सब रावण के खानदान के हैं बेचारे... क्या करें.. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसा हाल है।

हरसूद में दो दिन कथा करेंगे धीरेंद्र शास्त्री
बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री 23 और 24 सितंबर को हरसूद में दो दिन हनुमंत कथा करेंगे। हनुमंत कथा के साथ ही बागेश्वर बाबा का दिव्य दरबार भी सजेगा। कथा को लेकर 22 सितंबर को हरसूद में विशाल कलश यात्रा भी निकाली गई है। दो दिन की कथा के बाद 25 सितंबर को वह बागेश्वर धाम के लिए वापस रवाना हो जाएंगे। इस कथा को लेकर अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। कथा को लेकर आदिवासी समुदाय और क्षेत्रवासियों में उमंग और उल्लास के साथ कोतहुलता भी है। 

(रिपोर्ट- प्रतीक मिश्रा)

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