भोपाल. देश के कई राज्य कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की किल्लत से भी जूझ रहे हैं, जिस वजह से हालात और भी विकट हो गए हैं। जिन राज्यों में ऑक्सीजन की जरूरत है, वहां पर रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश कर रही है। रेलवे की इस मुहिम में अनोखे कोरोना वॉरियर्स भी अपना सहयोग कर रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं ऑक्सीजन टैंकर्स के ड्राइवर्स की, जो ट्रेन से टैंकर के उतरने के बाद जल्द से जल्द ऑक्सीजन अस्पताल तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
ऐसे ही दो टैंकर चालकों से इंडिया टीवी ने बात की भोपाल में। दरअसल बोकारो से कल चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस और सुबह भोपाल पहुंची। इस ट्रेन पर 6 टैंकर थे, जिनमें से दो भोपाल और एक जबलपुर और तीन सागर के लिए थे। रेलवे ने इस दौरान ट्रेन को ग्रीन कॉरिडोर बना कर दौड़ाया। लगातार 24 घंटे चलने के बाद ट्रेन भोपाल पहुंची। इस समय अवधि में ऑक्सजीन टैंकर्स के चालक राजू और राजेंद्र ने सिर्फ कुछ बिस्किट्स और पानी के सहारे रास्ता गुजारा।
जैसे ही ट्रेन भोपाल पहुंची, ये दोनों तुरंत टैंकर्स लेकर उन अस्पतालों की तरफ रवाना हुए जहां ऑक्सीजन पहुंचाई जानी थी। टैंकर चालक राजू और राजेंद्र ने इंडिया टीवी से बातचीत में बताया उन्हें बहुत खुशी है कि वो जिस काम के लिए निकले थे वह पूरे हुआ और उनके द्वारा लाए गए टैंकर से लोगों की जान बचेगी। आपको बता दें कि 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 19 अप्रैल से शुरू हुई है।
बोकारो से भोपाल तक के तकरीबन 1100 किलोमीटर के सफर में ट्रेन सिर्फ 1 जगह रुकी, इसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल लाया गया। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 94000 पार कर जा चुका है जिनमें से 25000 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है। लगातार बढ़ती किल्लत के चलते हैं मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन का बड़ा संकट खड़ा हो गया था लेकिन अब ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने मध्य प्रदेश की सांसो पर पड़ा संकट दूर कर दिया है।