भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार का प्रस्ताव रखने की अनुमति न देने पर जमकर हंगामा हुआ और भाजपा विधायक सदन से बहिर्गमन कर गए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में अपनाई गई प्रक्रिया को लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दी।
विधानसभा सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। आज विधानसभाध्यक्ष का चुनाव होना था। कांग्रेस ने जहां एन.पी प्रजापति को उम्मीदवार बनाया तो वहीं भाजपा विजय शाह को मैदान में उतारना चाहती थी। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने प्रजापति के प्रस्ताव को तो स्वीकार लिया, वहीं भाजपा उम्मीदवार के प्रस्ताव को स्वीकारा ही नहीं। इस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ।
सदन की कार्यवाही दो बार हंगामे के कारण स्थगित की गई। उसके बाद तीसरी बार कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा विधायक बहिर्गमन कर गए। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर ने ध्वनिमत और मत विभाजन से अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को अपनाने का ऐलान किया।
दूसरी ओर भाजपा ने विधानसभा के बाहर भी हंगामा किया। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि यह निर्णय पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। पैदल मार्च कर राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देंगे।
पूर्व संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि आज की कार्यसूची में पांच प्रस्ताव थे। चार प्रस्ताव प्रजापति के थे और पांचवां प्रस्ताव शाह का था मगर उसे पढ़ने ही नहीं दिया गया।