MP News: नामीबिया से चीते लाकर उन्हें कुनो नेशनल पार्क में छोड़ने और देश के मवेशियों में संक्रामक लंपी वायरस फैलने से जुड़े बयान को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले को आड़े हाथों लेते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पटोले को चंपी (सिर की मालिश) की जरुरत है। गौरतलब है कि पटोले ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि चीते नाइजीरिया से लाए गए थे, जहां से त्वचा रोग लंपी फैल रहा है।
'पटोले जी को समझ में नहीं आ रहा है, तो उन्हें समझाएगा भी कौन'
इस पर पलटवार करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "नाना पटोले जी को अपने सिर की चंपी (मालिश) की आवश्यकता है।" मिश्रा ने कहा, "ये नाना पटोले के सिर की चंपी जरुरी है। अब ये चीते से क्या तुलना कर रहे हैं और कुछ तो भी बोल देते हैं। थोड़ा ज्ञान का विस्तार करना चाहिए, उन्हें। जिस तरह से भारत का गौरव चीतों के साथ लौटा है, पूरे देश में इसे सराहा। अब इन पटोले जी को समझ में नहीं आ रहा है, तो उन्हें समझाएगा भी कौन, चंपी नहीं हुई तो।"
'हम चीते नाइजीरिया से लाए, PM के जन्मदिन पर कार्यक्रम भी आयोजित हुआ'
महाराष्ट्र के भंडारा में पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने आरोप लगाया था कि पहली बार किसानों को बर्बाद करने के लिए लंपी वायरस जैसी बीमारियां भारत में लाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "लंपी वायरस संक्रमण नाइजीरिया से फैल रहा है। हम चीते नाइजीरिया से लाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) पर कार्यक्रम भी आयोजित हुआ।"
Image Source : File PhotoNana Patole And Narottam Mishra
इसे एक इवेंट बनाया गया और विदेशी बीमारी को देश में लाया गया: पटोले
पटोले ने आरोप लगाया, "लेकिन इसे एक इवेंट बनाया गया और विदेशी बीमारी को देश में लाया गया। इससे पहले गाय और बैल इस तरह की बीमारी से कभी नहीं मरे। पहली बार किसानों को तबाह करने के लिए इस तरह की बीमारियां भारत में लाई जा रही हैं।" इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, "चीतों को नाइजीरिया से नहीं नामीबिया से भारत लाया गया है।" उन्होंने इसे पटोले को टैग किया। लंपी वायरस की बीमारी से महाराष्ट्र सहित पूरे देश में हजारों मवेशियों की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने 17 सितंबर को महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में आठ चीतों को छोड़ा था।